स्वास्थ्य बीमा या हेल्थ इन्शुरन्स, जिसे मेडिकल बीमा या केवल मेडिक्लेम भी कहा जाता है, में किसी व्यक्ति के इलाज और सर्जरी पर होने वाले खर्च की लागत शामिल होती है। व्यक्ति स्वास्थ्य कवर के लिए प्रत्येक वर्ष एक निश्चित राशि (प्रीमियम) का भुगतान करता है।
ज्यादातर लोगों के लिए हेल्थ इन्शुरन्स लेना आसान नहीं है, क्योंकि उनकी आय के हिसाब से यह उन्हें काफी महंगा लगता है और इसलिए वे हेल्थ इन्शुरन्स के बिना रहने के विकल्प को चुनते हैं। इस मासिक लागत की जब आप बीमारी के समय जेब से खर्च होने वाली लागत से तुलना करते हैं तो आप सोचते होंगे कि आपको वास्तव में हेल्थ इन्शुरन्स की आवश्यकता है या नहीं।
अपने जीवन के 20 वें दशक में बहुत से लोग महसूस करते हैं कि उन्हें हेल्थ इन्शुरन्स की कोई जरुरत नहीं हैं क्योंकि हम पूरी तरह स्वस्थ हैं। जब आप स्वस्थ होते हैं और शायद ही कभी डॉक्टर के पास जाते हैं, तो हेल्थ इन्शुरन्स को पूरी तरह नजरअंदाज करने और इसके बिना जीने के औचित्य को साबित करना अच्छा विचार प्रतीत हो सकता है।
इन्शुरन्स प्रीमियम और को-पेमेंट के बारे में चिंता करने की बजाए आप सेवा के लिए सीधा भुगतान करते हैं। हालांकि, यह एक दोष पूर्ण तर्क है। हर किसी के पास हमेशा स्वास्थ्य बीमा का कोई न कोई रूप होना आवश्यक है। कारण यह है कि मेडिकल सेवाएं बहुत महंगी हैं। यदि आपको बीमा के बिना किसी आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो खुद को कर्ज के निचे दबा लेने के अलावा आपके पास कोई रास्ता नहीं बचता है।
इस लेख में विस्तार से बताया गया है कि हेल्थ इन्शुरन्स क्या है, प्रकार, फायदे और आपके लिए हेल्थ इन्शुरन्स आवश्यक क्यों है। इसके साथ यह भी बताया गया है कि एक बेहतर हेल्थ पॉलिसी कैसे लें, हेल्थ इन्शुरन्स लेते समय किन बातों का ध्यान रखें और यदि आप निजी हेल्थ इन्शुरन्स नहीं लेना चाहते हैं तो कौनसे सरकारी स्वास्थ्य बीमा से लाभ ले सकते हैं।
हेल्थ इन्शुरन्स क्या है –
एक स्वास्थ्य बीमा या हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी एक बीमा कंपनी और पॉलिसी धारक के बीच एक अनुबंध या कॉन्ट्रैक्ट है जो महंगी और अप्रत्याशित स्वास्थ्य लागतों के खिलाफ सुरक्षा के इरादे से किया जाता है।
हालांकि पॉलिसी धारक मासिक प्रीमियम, सह-भुगतान (को-पैमेंट), सह-बीमा (को-इन्शुरन्स) और डिडक्टिबल्स (पॉलिसी धारक द्वारा भुगतान किया जाने वाला हिस्सा है) का भुगतान करते हैं, लेकिन ऐसी उम्मीद की जाती है कि इस कुल लागत की तुलना में जेब से किया जाने वाला कुल भुगतान बहुत अधिक होता है।
स्वास्थ्य बीमा का लाभ किसी सरकारी एजेंसी या निजी व्यवसाय के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। इन्शुरन्स की कुल लागत निर्धारित करने के लिए, एक बीमा प्रदाता आबादी के सामूहिक चिकित्सा खर्च का अनुमान लगाता है, फिर पॉलिसी धारक ग्राहकों के समूह के बीच उस जोखिम को विभाजित करता है।
अवधारणा में, बीमा प्रदाता यह मानते हैं कि एक व्यक्ति पर बड़े अप्रत्याशित खर्च हो सकते हैं, जबकि अन्य पर कोई भी खर्च नहीं होता है। तब कूल लागत, व्यक्तियों के एक समूह के बीच बांट दी जाती है ताकि स्वास्थ्य बीमा को सभी के फायदे और व्यवसाय बढ़ाने के लिए अधिक किफायती बनाया जा सके।
हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी की शब्दावली में, एक व्यक्ति का इलाज करने वाले क्लिनिक, हॉस्पिटल, डॉक्टर, लेबोरेटरी, हेल्थकेयर प्रैक्टिशनर या फार्मेसी को “प्रदाता” (प्रोवाइडर) कहा जाना जाता है। “बीमित” (इंश्योर्ड) वह व्यक्ति है जिसने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी या हेल्थ इन्शुरन्स कवरेज लिया है।
हेल्थ इन्शुरन्स कवरेज के प्रकार के अनुसार, या तो बीमित व्यक्ति इलाज के समय अपनी जेब से खर्च देता है और उसके बाद बीमा प्रदाता द्वारा उसे प्रतिपूर्ति की जाती है या बीमा प्रदाता सीधे सेवा प्रदाता को बीमित व्यक्ति के इलाज खर्च का भुगतान करता है।
स्वास्थ्य बीमा के प्रकार –
हेल्थ इन्शुरन्स योजना के कई प्रकार हैं। स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में निजी बीमा प्रदाताओं द्वारा ग्राहकों को ऑफर की जाने वाली बिमा योजनाओं की सीमा में क्रांतिकारी बदलाव दिख रहा है। इन योजनाओं को ग्राहकों की वास्तविक और विविध आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया जा रहा है। इसलिए आश्चर्यचकित न हों अगर आपको बाजार में मधुमेह के लिए देखभाल योजना या हृदय रोग के मरीजों के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई योजना दिखाई देती है।
हेल्थ इन्शुरन्स के दो मुख्य रूप से दो प्रकार हैं –
निजी स्वास्थ्य बीमा
निजी कंपनियों द्वारा दो प्रकार की हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसियां दी जाती हैं, पहली, हॉस्पिटल पॉलिसी जो आपके अस्पताल जाने पर होने वाले खर्च को कवर करती हैं। जबकि दूसरी, जनरल ट्रीटमेंट पॉलिसी (कभी-कभी एंसीलरी या एक्स्ट्रास के रूप में भी जाना जाता है) आपके कुछ सहायक उपचार को कवर करती हैं, उदाहरण के लिए डेंटल हेल्थ (दांतों से संबंधित), फिजियोथेरेपी इत्यादि। अधिकांश प्रदाता दोनों पॉलिसियों को जोड़ कर पेश करते हैं
जो अस्पताल और सामान्य उपचार सेवा, दोनों के लिए एक कवर प्रदान करती हैं या आप अलग पॉलिसियां भी खरीद सकते हैं। myUpchar बीमा प्लस भी एक निजी स्वास्थ्य बीमा है, जिसके तहत आप स्वयं और अपने परिवार को भी शामिल कर सकते हैं।
सार्वजनिक या सरकारी स्वास्थ्य बीमा
इस प्रकार के बीमा में, केंद्र सरकार या राज्य सरकार आपके इन्शुरन्स के प्रीमियम के कुछ हिस्से का भुगतान स्वयं करते हैं या उसके बदले बीमा प्रदाता को सब्सिडी देते हैं ताकि आपको बहुत सस्ती दर पर बीमा कवर मिल जाएं। सरकार द्वारा ऐसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका वर्णन इस लेख के अंतिम भाग में किया गया है।
स्वास्थ्य बीमा की आवश्यकता क्यों है? – Why take health insurance in Hindi
कई कारणों से हेल्थ इन्शुरन्स करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। बिना इन्शुरन्स वाले लोगों को कम मेडिकल केयर और कम समय पर सही देखभाल मिल पाती है, उनके स्वास्थ्य के खराब होते ही बीमा की कमी उनके और उनके परिवारों के लिए एक वित्तीय बोझ बन जाती है।
इसके अलावा, कवरेज का विस्तार करने के लाभ अतिरिक्त सेवाओं के लिए आने वाली लागत से अधिक होता है। अस्पतालों मुफ्त इलाज या देखभाल से सेवा तक पहुंच में सुधार तो होता है लेकिन स्वास्थ्य बीमा को पूरी तरह से प्रतिस्थापित नहीं कर पाते है, क्योंकि बहुत सारे खर्चे आपको अपनी जेब से देने पड़ते हैं।
स्वास्थ्य बीमा, यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि यदि आपको भविष्य में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है, तो आपको सरकारी अस्पतालों की प्रतीक्षा सूची या इलाज की लागत के लिए भुगतान करने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी।
यदि आपका निजी तौर पर इलाज किया जाता है, तो स्वास्थ्य बीमा आपके सभी बिलों का भुगतान करेगा। यह आपकी जांच और इलाज जल्दी से जल्दी कराने में मदद करता है, साथ ही आपको जब आवश्यकता हो तब आपकी सुविधा के अनुसारतुरंत निजी अस्पताल में भर्ती होने में मदद करता है।
स्वास्थ्य बीमा के साथ, आपके पास बीमा कंपनी द्वारा प्रदान की गई एक सूची में से निजी अस्पताल को चुनने का विकल्प होगा। अधिकांश अस्पताल एक इसके तहत निजी एन-सुइट रूम, टीवी और पसंद का भोजन प्रदान करते हैं, जिसे आप सामान्य रोगी के रूप में शायद नहीं लेते।
हेल्थ इन्शुरन्स के फायदे
कोई भी बीमार होना या चोट खाना नहीं चाहता है, लेकिन कोई नहीं जानता की किसको किस समय पर चिकित्सा देखभाल की ज़रूरत पड़ जाएं। हेल्थ इन्शुरन्स इन लागतों को कवर करता है और कई अन्य महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है।
निजी स्वास्थ्य बीमा लेने के लाभों में से एक यह है कि सभी हेल्थ इन्शुरन्स प्लान आवश्यक स्वास्थ्य लाभों के एक जैसे सेट को कवर करते हैं, यहां तक कि पूर्व-मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति को भी कवर कर सकते हैं। डॉक्टर के पास दिखाने, लेब टेस्ट, अस्पताल में भर्ती होने, सर्जरी और आपातकालीन देखभाल में होने वाले खर्च की कवरेज के अलावा, कुछ निम्नलिखित लाभ भी मिल सकते हैं –
निजी हेल्थ इन्शुरन्स अप्रत्याशित स्वास्थ्य मुद्दों से सुरक्षा प्रदान करने और अपनी पसंद की स्वास्थ्य देखभाल सेवा, पसंद के डॉक्टर का विकल्प उपलब्ध कराने का एक महत्वपूर्ण और लागत प्रभावी तरीका है। निजी हेल्थ इन्शुरन्स आपको अधिक महत्त्व देता है।
यहां तक कि यदि आपको किसी गंभीर बीमारी का कोई पारिवारिक या व्यक्तिगत इतिहास नहीं है, तो भी आप निश्चित नहीं हो सकते कि आपको भविष्य में मेडिकल सेवाओं या विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं होगी।
जिन लोगों के पास निजी स्वास्थ्य बीमा है, उनके पास मन की शांति है, क्योंकि उन्हें पता है कि यदि आवश्यकता होती है तो उनके पास सर्वोत्तम उपलब्ध चिकित्सा उपचारों को प्राप्त करने के लिए कवर उपलब्ध हैं।
निजी स्वास्थ्य बीमा के उपरोक्त कई लाभों के साथ-साथ ये हमें सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए लंबी प्रतीक्षा की सूची से बचाते हैं, निजी अस्पताल आपके इलाज के कमरे से लेकर आपके डॉक्टर या सर्जन की फीस तक सब कुछ कवर करते हैं।
स्वास्थ्य बीमा कैसे लें –
यदि आप पहली बार कवर खरीद रहे हैं या अपने प्लान को अपग्रेड कर रहे हैं, तो आपको लाभ के लिए दावा करने से पहले एक निश्चित वेटिंग पीरियड (प्रतीक्षा अवधि) तक इंतजार करना पड़ सकता हैं। प्रतीक्षा अवधि के दौरान, आपको कुछ उपचारों के लिए कोई लाभ नहीं मिलता है या आपको उस समय तक के लिए कम लाभ मिलते हैं।
हेल्थ इन्शुरन्स का विकल्प चुनते समय आपको कई चीजों पर विचार करना चाहिए। चयन प्रक्रिया के दौरान पालन करने के लिए कुछ अनुशंसित कदम निम्नलिखित हैं –
हेल्थ इन्शुरन्स के महत्वपूर्ण शब्दाें की समीक्षा करें। स्वास्थ्य बीमा की भाषा को समझना प्रत्येक योजना द्वारा वास्तव में प्रदान किये जाने वाले लाभों को समझने में सहायता करता है।
हेल्थ इन्शुरन्स की पारिवारिक आवश्यकताओं की एक लिस्ट बनाएं, जिनकी आपके परिवार को भविष्य में आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए, रोकथाम या प्रमुख चिकित्सा कवरेज, डेंटल, आंखों और दवाईयों का कवरेज इत्यादि। एक बार लिस्ट पूरी होने के बाद, इस चेक लिस्ट का उपयोग स्वास्थ्य बीमा प्रदाताओं, योजना के विकल्पों और कवरेज की समीक्षा और तुलना करने के लिए किया जाता है।
यह भी पता करें कि क्या आपके माता-पिता का नियोक्ता बीमा पॉलिसी प्रदान करता है? यदि हां, तो नामांकन कब होता है और विकल्प क्या हैं? क्या माता-पिता किसी क्लब, विशेष रुचि समूह या संगठन से जुड़े हैं जो हेल्थ इन्शुरन्स प्रदान करते हैं? क्या वे किसी भी सरकारी बीमा योजना के लिए योग्य और अनुमोदित हैं? क्या वे एक निजी प्रदाता से सेवा लेना चाहते हैं?
उपलब्ध हेल्थ इन्शुरन्स प्रदाताओं के बारे में जानकारी जुटाए।
यह निर्धारित करें कि किस प्रकार का कवरेज परिवार की जरूरतों के अनुरूप सर्वोत्तम है।
अपने एजेंट या सलाहकार से एक या दो आकर्षक पॉलिसी विकल्पों के लिए बारे में बताने का अनुरोध करें।
परिवार की स्वास्थ्य बीमा से संबंधित आवश्यकताओं की आपकी चेक लिस्ट से पॉलिसी प्रावधानों की तुलना करें।
यह भी तय करें कि बीमा की लागत आपके परिवार के वित्तीय साधनों दायरे में है या नहीं।
इसके बाद आप अपनी पसंद की योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
यदि आपके पास पहले से ही आपके कर्मचारी लाभ पैकेज के माध्यम से मेडिकल इन्शुरन्स है तो आपको निजी मेडिकल इन्शुरन्स की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा यदि आपके ऊपर चुकाने के लिए ऋण हैं और कोई बचत नहीं है, तो भी आपको निजी मेडिकल इन्शुरन्स के बजाय अपने पैसे से ऋण चुकाना चाहिए और निजी के बजाय सरकारी मुक्त स्वास्थ्य सेवाओं से सहायता लेनी चाहिए।
यदि आप अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते निजी हेल्थ इन्शुरन्स नहीं ले सकते हैं तो भी आपको अधिक चिंतित होने के की आवश्यकता नहीं हैं। भारत सरकार की योजना आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ ले सकते हैं।
स्वास्थ्य बीमा लेते समय किन बातों का ध्यान रखें –
पिछले 5 वर्षों में स्वास्थ्य बीमा उद्योग में बहुत सारे बदलाव हुए हैं।
समग्र स्तर पर देखें तो कुछ मामलों में स्वास्थ्य बीमा उद्योग मानकीकृत हुआ है और नए नियम बने हैं। स्वास्थ्य बीमा उत्पादों में अब आपको आश्चर्यचकित करने के लिए बहुत कम छिपे हुए बम होते हैं, उदाहरण के लिए –
सभी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी अब अनिवार्य रूप से पूरे जीवनकाल के लिए जारी की जाती हैं।
पॉलिसी जारी होने के बाद बीमा कंपनियां दावा आधारित लोडिंग (क्लेम से जुड़ी कोई लागत नहीं ले सकती) नहीं ले सकती हैं।
बीमा कर्ताओं को पॉलिसी में प्रीमियम बढ़ाने या शर्तों को जोड़ने से पहले मौजूदा ग्राहकों को स्पष्ट रूप से 3 महीने का अग्रिम नोटिस देने की आवश्यकता होती है।
और भी फायदा विशेष स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा प्रतियोगिता बढ़ाने से हुआ है, इसके कारण ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कंपनियां मानक मेडिक्लेम उत्पादों में कई रोचक विशेषताएं शामिल कर रही हैं।
अब हम कुछ ऐसे बिंदु बता रहे हैं जो कोई भी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदने से पहले प्रत्येक निवेशक को ध्यान में रखने चाहिए।
हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदने में बहुत अधिक देर न करें
देर से लेने के दृष्टिकोण के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि, आपको जीवन में बाद में कवर से इंकार किया जा सकता है, क्योंकि आपने उस आयु सीमा को पार कर लिया हो सकता है या आपको कोई ऐसी बीमारी हो चुकी हो सकती है जो अब कवर नहीं की जाएगी।
व्यक्तिगत कवर या फ़ैमिली फ्लोटर
आपको यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि आप प्रत्येक व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत कवर चाहते हैं या पारिवारिक फ्लोटर पॉलिसी कवर खरीदना चाहते हैं। पारिवारिक फ़्लोटर्स बहुत ही बेहतर होते हैं। अलग-अलग कवर खरीदने की तुलना में कीमत कम लगती है।
लेकिन यदि आपके परिवार के सदस्यों में से कोई 50 से अधिक उम्र का है या स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों या जीवनशैली के मुद्दों से ग्रस्त है, तो परिवार की फ्लोटर पॉलिसी के अलावा ऐसे सदस्य के लिए व्यक्तिगत कवर की तलाश करना समझदारी होगी।
बढ़ती महंगाई के परिप्रेक्ष्य में बीमित राशि पर विचार करना
अस्पताल में लगने वाली वर्तमान लागत लगभग 50,000 रुपये से 3 लाख रुपये हैं। मान लीजिए कि आप आज 30 वर्ष के हैं अब अगले 20 वर्षों के लिए 7.5% की औसत स्वास्थ्य देखभाल में आने वाली महंगाई के अनुसार, जब आप 50 साल के होते हैं
तो अस्पताल में भर्ती होने का बिल लगभग 13 लाख रुपये होगा। लंबे समय के हिसाब से सोचें, क्योंकि हो सकता है आपको तुरंत इस पॉलिसी की आवश्यकता नहीं हो, लेकिन भविष्य में, आपको अधिक कवर होने से निश्चित रूप से लाभ होगा।
अस्पताल के रूम की एलिजिबिलिटी कैपिंग की तुलना करें
कई हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में कमरे के किराये की एक सीमा होती है, जिसका अर्थ है कि आप इस कैपिंग के नीचे ही कमरे के खर्च का दावा करने के पात्र हैं। यदि आप इस सीमा के ऊपर के किराये वाला कमरा चुनते हैं, तो आपको ऊपर का खर्च अपनी जेब से करना होगा।
सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं –
यहां कुछ लागत प्रभावी सरकार द्वारा प्रायोजित स्वास्थ्य देखभाल योजनाएं दी जा रही हैं जिनका लाभ आप प्राप्त कर सकते हैं, यदि आप एक निश्चित आय वर्ग से संबंध रखते हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई)
गरीबी रेखा (बीपीएल) से निचे रहने वाले परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा आरएसबीवाई (राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना) की शुरूआत की गई है।
एम्प्लॉयमेंट स्टेट इन्शुरन्स स्कीम (ईएसआईएस)
यह योजना 10 या उससे अधिक कर्मचारियों के साथ चलने वाले गैर मौसमी कारखानों पर लागू होती है और कुछ राज्यों में निजी शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों के अलावा कुछ अन्य प्रतिष्ठानों (दुकानें, होटल, रेस्तरां, सिनेमाघर, समाचार पत्र, आदि) जो 20 या उससे अधिक लोगों को रोजगार देते हैं उन पर भी लागू होती है।
सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस)
यह योजना केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों के लिए है, जो सीजीएचएस द्वारा कवर शहरों में रहते हैं। कोई भी कर्मचारी शहर के अतिरिक्त निदेशक के कार्यालय से बने हुए सीजीएचएस कार्ड प्राप्त कर सकता है।
आम आदमी बीमा योजना (एएबीवाई)
आम आदमी बीमा योजना (एएबीवाई)
आम आदमी बीमा योजना, ग्रामीण भूमिहीन परिवारों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना है
जो 2 अक्टूबर, 2007 को लॉन्च की गई थी। परिवार के मुखिया या इस तरह के घर के परिवार में एक कमाई करने वाला सदस्य इस योजना के तहत कवर किया गया है।
यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (यूएचआईएस)
चार सार्वजनिक क्षेत्र की जनरल इन्शुरन्स कंपनियां गरीब परिवारों को मिलने वाली स्वास्थ्य देखभाल के स्तर में सुधार करने के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर रही हैं।