शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को पढ़ाने-लिखाने के लिए चलाई जा रही मुहिम में प्रयागराज ने महत्वपूर्ण काम किया है। पूरे प्रदेश में प्रयागराज के बेसिक शिक्षा विभाग ने सर्वाधिक 20255 निरक्षरों को साक्षर बनाने की उपलब्धि हासिल की है। 2011 की जनगणना के अनुसार यूपी में 15 से अधिक आयु के 4.82 करोड़ लोग निरक्षर हैं।
प्रदेश के 75 जिलों में 15 साल से अधिक उम्र के लोगों में सर्वाधिक निरक्षर मुरादाबाद, सीतापुर और प्रयागराज में हैं। मुरादाबाद में 14.55 लाख, सीतापुर 12.74 व प्रयागराज में 12.62 लाख निरक्षर हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 से ही पढ़ना-लिखना अभियान शुरू करने की योजना बनाई थी लेकिन कोरोना के कारण गति नहीं मिल सकी।
2021-22 में हालात ठीक होने पर इस अभियान की ओर ध्यान दिया गया। चिह्नित निरक्षरों को शिक्षकों, शिक्षामित्रों, स्कूल-कॉलेज के छात्रों, एनसीसी व एनएसएस के स्वयंसेवकों, सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों आदि की सहायता से साक्षर बनाया जा रहा है। एनसीईआरटी ने निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए 120 घंटे का कोर्स तैयार किया है जो चार महीने में पूरा होता है। पढ़ाई के बाद मूल्यांकन भी होता है और तब साक्षर का प्रमाणपत्र मिलता है।
शाहजहांपुर में 8190, हापुड़ में 4560 ने पकड़ी कलम
अभियान के तहत प्रयागराज के बाद शाहजहांपुर के सर्वाधिक 8190 तो हापुड़ के 4560 निरक्षरों ने साक्षर होने की उपलब्धि हासिल की है। रायबरेली में 4410, बस्ती 3492, कानपुर देहात 2347 व मिर्जापुर में 2134 व्यक्ति साक्षर हुए।