प्रदेशभर के 176 शिक्षकों के अभिलेख एसटीएफ की जांच में फर्जी मिले थे। जिसके बाद बीएसए को ऐसे सभी शिक्षकों पर 30 जून तक केस दर्ज कर शासन को रिपोर्ट भेजनी थी। इसी कड़ी में बेल्हा में भी पांच शिक्षक चिह्नित हुए थे। जिन पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अभी तक केस दर्ज नहीं कराया है। वहीं, दूसरी तरफ बेल्हा में एसटीएफ की ओर से चिह्नित किए गए शिक्षकों ने विभाग को शपथ पत्र देकर अभिलेखों की दोबारा जांच की मांग की है।
बता दें कि प्रदेशभर के शिक्षकों के अभिलेखों की जांच एसटीएफ ने की। जिसमें फर्जी अभिलेखों में 176 शिक्षक प्रदेशभर में चिह्नित हुए। बेल्हा के सुरेंद्र बहादुर, अमर बहादुर सिंह, साधना सिंह, विपिन कुमार सरोज, संतोष कुमार जायसवाल को एसटीएफ ने अपनी जांच में फर्जी अभिलेख पाए जाने का दोषी बताया है। वहीं, सूत्रों के अनुसार जांच में आरोपित बताए गए शिक्षकों ने शपथपत्र देकर पुन: अभिलेखों की जांच कराए जाने की मांग की है। इसके साथ आरोपित शिक्षकों ने यहां तक भी कहा है कि अगर वह दोषी पाए जाएं तो उन्हें बर्खास्त करने के साथ ही वेतन की रिकवरी भी कर ली जाए। सूत्रों के अनुसार विभाग की तरफ से कई बार यूनिवर्सिटी से अभिलेखों की जांच के लिए पत्र भेजा गया है। उसके बाद भी कोई जवाब नहीं आया। आरोपित पांच शिक्षकों के अभिलेखों की जांच के लिए विभाग की तरफ से विशेष वाहक से कराई जा रही है। अभिलेखों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही केस दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी होगी।
पटल सहायक संदिग्ध
आरोपित पांच शिक्षकों के फर्जी अभिलेखों की जांच कराने के लिए पटल सहायक की भूमिका अहम बताई गई। चर्चा है कि पटल सहायक आरोपितों से मिलीभगत कर उनकी फाइल को रोके रखा। ऑनलाइन सत्यापन न होने के बाद इसे ऑफलाइन कराया जाना था। पटल सहायक ने इसी प्रक्रिया को रोक रखा था।