• 19 डीएलएड कालेज लौटाएंगे मान्यता, भेजा प्रस्ताव
• पीएनपी ने 12 की फाइल राज्य स्तरीय समिति को भेजी
• बाद में मिली सात कालेजों की फाइलों को भी भेजा जाएगा
प्रयागराज : प्राथमिक शिक्षा में करीब तीन साल से भर्ती नहीं आने से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान घटने लगा है। इससे प्रबंधतंत्र के सामने डीएलएड प्रशिक्षण संस्थानों के संचालन में मुश्किलें आ रही हैं। इसके चलते प्रदेश के 19 संस्थानों ने नया प्रवेश नहीं लेने की इच्छा जताते हुए मान्यता लौटाने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव को भेज दिया है। पहले आए 12 संस्थानों के प्रस्ताव को राज्य स्तरीय समिति को भेज दिया गया है। इसके अलावा बाद में आए सात और संस्थानों के मान्यता लौटाने के प्रस्ताव को राज्य स्तरीय समिति को भेज दिया जाएगा।
प्रदेश में 66 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), एक सीटीईटी कालेज वाराणसी के अलावा करीब 3100 निजी प्रशिक्षण संस्थान संचालित हैं। डायट कालेजों व कुछ निजी प्रशिक्षण संस्थानों में डीएलएड प्रशिक्षण में प्रवेश की स्थिति ठीक है, लेकिन कई कालेजों को सीट के अनुरूप छात्र-छात्राएं नहीं मिल रहे हैं। प्रदेश के सभी प्रशिक्षण संस्थानों को मिलाकर 2,42,200 सीटें हैं।
इनमें प्रवेश की स्थिति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2022 के लिए करीब 1,68,000 आवेदन पीएनपी को प्राप्त हुए हैं। प्रवेश मेरिट के आधार पर दिया जाएगा। इस तरह कई कालेजों को प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं का मिलना मुश्किल है। इसके पहले के वर्षों में भी कई कालेजों को छात्र-छात्राएं नहीं मिले या बहुत कम मिले।
ऐसे में गाजीपुर, अमरोहा, कानपुर, मऊ एवं गाजियाबाद के एक-एक, गौतमबुद्धनगर एवं मथुरा के दो-दो, मुरादाबाद व एटा के तीन-तीन और आगरा के चार कालेजों ने नया प्रवेश नहीं लिए जाने की इच्छा जताते हुए मान्यता वापस करने का प्रस्ताव पीएनपी को भेज दिया है। पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि 12 प्रशिक्षण संस्थानों की फाइल पहले प्राप्त हुई थी, जिसे राज्य स्तरीय समिति को भेज दिया गया है।