DBT की राह में रुकावट बने एडेड विद्यालय,
● परिषदीय बच्चों के अभिभावकों को मिलने हैं 1100 रुपये
● इससे दो सेट ड्रेस, स्वेटर, बैग जूता और मोजा खरीदना है
प्रयागराज : कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं को मिलने वाले नि:शुल्क बैग आदि में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय रुकावट बने हैं। प्रदेश के 4166 स्कूलों ने अब तक एक भी बच्चे के अभिभावक के खाते का सत्यापन नहीं किया है। इनमें से 2191 से अधिक सहायता प्राप्त स्कूल हैं। इससे दो लाख बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने 26 अक्तूबर को यह आंकड़े जारी करते हुए सभी मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशकों से सत्यापन का कार्य डीबीटी एप के माध्यम से तत्काल पूरा कराने का निर्देश दिया है। प्रदेश सरकार ने बच्चों को मिलने वाली दो सेट यूनिफॉर्म, स्वेटर, बैग, जूता और मोजा इस सत्र में अपनी ओर से देने की बजाय 1100 रुपये अभिभावकों के खाते में डीबीटी एप के माध्यम से भेजने का निर्णय लिया है, ताकि वे स्वयं खरीद सकें। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि किस चीज के लिए क्या रेट तय किया गया है।
इसके लिए भारत सरकार के पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल पर स्कूल की ओर से खाते और आधार नंबर की सूचनाएं अपलोड की जा रही हैं। सूचनाएं अपडेट होने के बाद अभिभावकों के खाते में सीधे रुपये भेजे जाएंगे। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि शासन के निर्देश पर सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिन खातों का सत्यापन हुआ है वे सक्रिय हैं।
1100 रुपये में कैसे खरीदेंगे दो सेट ड्रेस, स्वेटर, बैग, जूता-मोजा: अभिभावकों के खाते में रुपये जाने के बावजूद बच्चों के यूनिफॉर्म में स्कूल आने पर संशय है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या अभिभावक 1100 रुपयों में गुणवत्तापूर्ण सामान बच्चों को दिला पाएंगे। स्कूलों से जब ये सामान मिलते थे या सरकार टेंडर करती थी तो काफी मात्रा होने के कारण सस्ते पड़ते थे। स्कूलों को प्रति जोड़ी यूनिफॉर्म के लिए 300 रुपये (दो सेट का 600 रुपये) और स्वेटर के लिए 200 मिलते थे। बैग और जूते की खरीद सरकार अपने स्तर से करती थी जो प्रति नग 100 और 135 रुपये के आसपास पड़ते थे। मोजे 21 रुपये में दो जोड़ी पड़ते थे। प्रति छात्र लगभग 1056 रुपये खर्च पड़ता था। अब सरकार ने प्रति छात्र के हिसाब से 1100 रुपये देने का निर्णय लिया है।
प्रयागराज के 91 स्कूल डिफॉल्टर
जिले के 91 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने एक भी छात्र की सूचना अपडेट नहीं की है। इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक सहायता प्राप्त विद्यालय हैं। जवाहरलाल नेहरू इंटर कॉलेज भूपतपुर सहसों, मोतीलाल नेहरू इंटर कॉलेज बहादुरपुर, शिवाजी इंटर कॉलेज, बहादुरपुर आदि स्कूलों ने सूचनाएं अपडेट नहीं की है। अधिकांश परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों की सूचनाएं अपडेट हो चुकी हैं।
सात महीने बीते यूनिफॉर्म मिला न बैग
शैक्षणिक सत्र 2021-22 शुरू हुए सात महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक बच्चों को नि:शुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता-मोजा नहीं मिल सका है। पहले जून के अंत से ही बच्चों को ड्रेस बंटने लगती थी। इस बार नवंबर आने वाला है, लेकिन ड्रेस का कुछ पता नहीं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि जो सक्षम बच्चे हैं वह तो अच्छे कपड़े बदलकर पहनते हैं। परंतु जो गरीब हैं वह एक ही कपड़े को रोज पहनकर आते हैं। इससे उनके अंदर कहीं न कहीं हीन भावना पैदा हो रही है या वह अपनी गरीबी को कोसते हैं। शिक्षकों की मानें तो बिना ड्रेस के बच्चे विद्यालय के लगते नहीं है।