शिक्षक भर्ती में फर्जीवाडे़ को लेकर जनपद एक बार फिर एसटीएफ के रडार पर आ गया है। नियुक्तियों में फर्जीवाडे़ के प्रारंभिक तथ्य जुटाने के बाद एसटीएफ ने अब जिला बेसिक शिक्षाधिकारी से संदिग्ध शिक्षकों का मूल्य रिकार्ड मांगा है। इससे जनपद स्तर पर बेसिक शिक्षा में खलबली है।
एक बार फिर एसटीएफ की सक्रियता बढ़ रही हैबेसिक शिक्षा अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों की भर्ती और फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्तियों के मामले में मथुरा जनपद प्रदेश की सुर्खियां बन चुका है। बडे़ स्तर पर यहां एसटीएफ ने फर्जी शिक्षक भर्ती का रैकेट पकड़ा था। अनेक फर्जी शिक्षक जेल गए और बड़े स्तर पर फर्जी शैक्षिक व अन्य प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति पाने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। अब इसमें एक बार फिर एसटीएफ की सक्रियता बढ़ रही है। जनपद में एसटीएफ ने शिकायत के आधार पर मथुरा जनपद में फर्जी टैट, चयन आवेदन के बाद शैक्षिक प्रमाणपत्रों में बदलाव, बीटीसी अंकतालिका में बदलाव के संदिग्ध मामलों की जांच शुरू कर दी है। इसमें विकलांगता प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्ति पाने वाले भी कठघरे में हैं। एसटीएफ ने प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद अब ऐसे संदिग्ध शिक्षकों का मूल्य रिकॉर्ड जिला बेसिक शिक्षाधिकारी से मांग लिया है।
फर्जीवाडे़ के आवश्यक तथ्य-