लखनऊ। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले पुलिस विभाग में भी बड़े पैमाने पर तबादले करने की तैयारी चल रही है। जोन व रेंज स्तर से लेकर जिलों के पुलिस कप्तान तक बदले जा सकते हैं। लंबे समय से जमे वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को भी नई जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पिछले दिनों एसपी और डीआईजी रैंक में आईपीएस अफसरों की प्रोन्नति हुई है। फिलहाल जोन व पुलिस कमिश्नरेट में एडीजी स्तर के आईपीएस तैनात हैं लेकिन रेंज स्तर पर आईजी व डीआईजी दोनों तैनात हैं। पुलिस कमिश्नरेट में भी एडीजी की जगह आईजी की तैनाती की जा सकती है।
लखनऊ,। राज्य सरकार निकाय चुनाव से पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कर सकती है। शासन से लेकर फील्ड स्तर तक के अफसरों के दायित्वों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। शासन स्तर के कुछ वरिष्ठ आईएएस अफसरों की जिम्मेदारियां कम की जा सकती हैं। कुछ अफसरों के पास जरूरत से अधिक काम है।
राज्य सरकार ने अगस्त और सितंबर में व्यापक स्तर पर आईएएस व पीसीएस अफसरों के तबादले किए थे। इसके बाद से छोटे-मोटे की तबादले हुए हैं। प्रदेश में दिसंबर में निकाय चुनाव होना है। इसके लिए नवंबर के आखिरी सप्ताह तक अधिसूचना जारी होने की संभावना जताई जा रही है। चुनावी प्रक्रिया करीब एक माह तक चलेगी। इस बीच अधिकारियों के तबादले नहीं हो पाएंगे।
कई विभागाध्यक्षों ने सचिव और विशेष सचिव की मांग की है। कुछ अफसर पदोन्नति के बाद भी उन्हीं पदों पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा मंगलवार को प्रदेश के 17 पीसीएस अफसर आईएएस बने हैं। इसीलिए इन्हें इनके पद के अनुरूप काम दिया जाना है। शासन स्तर पर भी कुछ अफसरों को जो जिम्मेदारियां दी गई हैं, वे उसके अनुरूप काम नहीं कर पा रहे हैं। कुछ विभागों के मंत्रियों से भी अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव की नहीं बन पा रही है। सचिव व विशेष सचिव का काम शासन में देख रहे अफसरों को मंडलायुक्त और डीएम की जिम्मेदारी मिल सकती है। प्रदेश में मौजूदा समय वर्ष 2014 बैच के आईएएस को डीएम बनाया जा रहा है। माना जा रहा है कि वर्ष 2015 बैच वालों को भी डीएम बनने का रास्ता खुल सकता है।