प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस- 2023 का विज्ञापन जारी कर दिया है और आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार केवल 173 पद हैं। अभ्यर्थी चाहते हैं कि सभी पदों पर भर्ती के लिए समान अर्हता निर्धारित की जाए, ताकि सामान्य अभ्यर्थियों के बीच स्पर्धा कम हो और सभी अभ्यर्थियों को बराबर अवसर मिले।
अभ्यर्थियों का कहना है कि संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में सभी प्रकार के पदों पर भर्ती के एक समान अर्हता निर्धारित की गई है तो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पदों को श्रेणियों में बांटकर विषयों में विशेषज्ञता क्यों मांगता है।
विषयों में विशेषज्ञता वाले पदों के लिए सामान्य अभ्यर्थी अर्ह नहीं होते हैं और वे डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी जैसे कुछ पदों के लिए परीक्षा में शामिल होते हैं।
ऐसे में सामान्य रूप से स्नातक करने वाले अभ्यर्थी उन पदों के लिए परीक्षा में शामिल होते हैं, जिनके लिए एक समान अर्हता निर्धारित है। कुल पदों में से विषय में विशेषज्ञता वाले पद हट जाने से सामान्य रूप से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है और ऐसे अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर कम हो जाते हैं।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को संघ लोक सेवा आयोग की तरह सभी पदों के लिए एक समान अर्हता रखनी चाहिए। यूपीपीएससी की ओर से पीसीएस परीक्षा को लेकर लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। ऐसे में यह बदलाव भी किया जा सकता है।
प्रशांत पांडेय ने आयोग के अध्यक्ष से मांग की है कि सभी पदों के लिए एक समान अर्हता निर्धारित की जाए, ताकि सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर मिले