देवरिया, जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति की बैठक बुधवार को विकास भवन के गांधी सभागार में हुई। इसमें जिलाधिकारी ने ऑपरेशन कायाकल्प के समस्त 19 पैरामीटर से जनपद के समस्त 2120 परिषदीय विद्यालयों को संतृप्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने कोविड काल में जान गंवाने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के आश्रितों को नौकरी देने में सात महीने से अधिक समय लगा देने पर कड़ी नाराजगी जताई।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहाकि कोविड काल में जान गंवाने वाले अपने ही विभाग के कार्मिक के आश्रित को नियुक्ति देने के लिए अनावश्यक भागदौड़ कराना अमानवीय रवैया है। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी सुनिश्चित कर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
डीएम ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन को प्रत्येक ब्लाक के पांच विद्यालयों का रैंडम आधार पर सर्वे कर एमडीएम की गुणवत्ता जानने का निर्देश दिया। डीएम ने हाईजिन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहाकि विद्यालयों में हाइजीन का ध्यान रखा जाए। भोजन बनाने में साफ सफाई कर ध्यान रखा जाए। इसके मानकों का पालन नहीं करने पर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा। डीएम ने समीक्षा में पाया कि 13 विद्यालयों में फल व दूध का वितरण जांच में नहीं मिला। उन्होंने सभी विद्यालयों में जियो लोकेशन के साथ फल व दूध वितरण की फोटो उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
डीएम ने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी, एडीओ पंचायत व बीडीओ के साथ समन्वय बनाकर विद्यालय को बेहतर बनाने का प्रयास करने को कहा। बैठक में सीडीओ रवींद्र कुमार ने निपुण भारत मिशन की समीक्षा की। उन्होंने परिषदीय विद्यालयों के छात्रों की लर्निंग एबिलिटी व कैपेसिटी में सुधार करने पर जोर दिया। जिले में बन रहे सात नए कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा कराने को कहा। बैठक में जिला विकास अधिकारी रविशंकर राय, बीएसए हरिश्चंद्र नाथ, जिला आपूर्ति अधिकारी संजय पांडेय, डीसी मनरेगा बीएस राय, जिला परियोजना अधिकारी बाल विकास कृष्णकांत राय, डीपीआरओ अविनाश कुमार, डीसी एमडीएम डीपी सिंह, स्टेनो एसएसए महेंद्र मिश्र आदि मौजूद रहे।