लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मुकदमों में अधिकारियों के स्पष्ट जवाब न आने पर कड़ी नाराजगी जताई है। एक शिक्षिका के पेंशन मामले में खास बिंदु पर मांगे गए जवाब पेश न करने पर माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक नवम मंडल अयोध्या के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश मुख्य सचिव को दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि मुख्य सचिव खुद या तीन सदस्यीय समिति बनाकर उप निदेशक के इस आचरण की जांच कर तीन हफ्ते में रिपोर्ट पेश करें।
न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने यह आदेश उर्मिला सिंह की पेंशन मामले में वर्ष 2018 से विचाराधीन याचिका पर दिया। याची के वकील संजय मिश्र का कहना था कि मामले में पहले उप निदेशक ने स्पष्ट जवाब पेश नहीं किया था। इस पर कोर्ट ने खासतौर पर पूछा था कि क्या कभी याची का नियमितीकरण आदेश वापस लिया गया या निरस्त हुआ था? इसके लिए सरकारी वकील ने उप निदेशक समेत अन्य पक्षकारों को पत्र लिखकर सूचित किया। पर, बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि उप निदेशक ने खास तौर पर पूछे गए इस सवाल का जवाब नहीं दिया है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव को यह मामला संदर्भित कर उप निदेशक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया। साथ ही उप निदेशक के इस आचरण की जांच करवाकर दो अगस्त को अगली सुनवाई के दौरान रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
मुकदमों में अधिकारियों के स्पष्ट जवाब न आने पर कोर्ट नाराज, मुख्य सचिव से तीन हफ्ते में मांगी जांच रिपोर्ट, सुनवाई दो को