प्रयागराज रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ (आरआरसी) की ग्रुप डी भर्ती 2012 में अधिक की जगह कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी को नौकरी दिए जाने की बात सामने आई है। जनसूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी के बाद अब यह मामला डीआरएम प्रयागराज तक पहुंचाया गया है।
प्रयागराज के इंडिया तहसील स्थित ग्राम पिंडीना के रहने वाले हरिशचंद्र ने आरआरसी ग्रुप डी भर्ती
2012 की भर्ती का मामला अभ्यर्थी को आरटीआई से मालूम पड़ी अपनी रैंक
संख्या 01/2012 में शिरकत की। आठ दिसंबर 2013 को उसने लिखित परीक्षा दी। परीक्षा में सफल होने के बाद उसने मार्च 2014 में डीएसए ग्राउंड में आयोजित शारीरिक दक्षता परीक्षा दी। हरिशचंद्र के अनुसार लिखित परीक्षा के बाद जब रिजल्ट जारी हुआ तो 70.62 अंक प्राप्त किए और उसकी ओवरआल रैंक 1912 थी। इस पूरी भर्ती में 1965 पद थे। यानी एक पद
अभ्यर्थी ने अगर प्रत्यावेदन दिया है तो उसका अवलोकन किया जाएगा। नियमानुसार जो भी कार्रवाई होगी वह सुनिश्चित की जाएगी।
डॉ. अमित मालवीय, सीनियर पीआरओ एनसीआर
के सापेक्ष एक अभ्यर्थी बुलाया जाता तब भी हरिश्चंद्र का चयन होता।
हरिशचंद्र आरआरसी से बुलावे का इंतजार करता रहा। बाद में उसे मालूम पड़ा कि कम नंबर वाले अभ्यर्थी को बुलाकर नियुक्ति दे दी गई है। इस पर उसने छह जून 23 को आरटीआई के जरिये आरआरसी
प्रयागराज से सूचना मांगी और भर्ती प्रक्रिया में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा। आरटीआई से हरिशचंद्र को मालूम पड़ा कि उसकी रैंक 1912 है।
हरिश्चंद्र को यह भी सूचना उपलब्ध कराई गई कि परीक्षा में अब कोई कार्रवाई शेष नहीं है। 1965 पदों की भर्ती में 1912 रैंक होने के बावजूद भी नौकरी न मिलने पर परेशान हरिश्चंद्र ने डीआरएम प्रयागराज को प्रार्थना पत्र सौंप कर जांच की मांग की है। हरिश्चंद्र का कहना है कि इस पूरी भर्ती की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए।