पहली कक्षा से व्याकरण की बारीकियां सीखेंगे
दोहों के उपयोग से रुचिकर बनाएंगे पुस्तक
व्याकरण की पुस्तक को बच्चों के लिए रुचिकर बनाने के उद्देश्य से अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं। बच्चों को परिभाषाएं कंठस्थ हों इसलिए दो चरणों वाले दोहे और छंद का उपयोग किया गया है। जैसे भाषा के लिए दोहा-‘मन के भाव विचार का हो आदान-प्रदान, भाषा लिख, पढ़, बोल, सुन, संकेतों को जान’, व्याकरण के लिए दोहा-‘भाषा लिखना बोलना को करती जो शुद्ध, उस विद्या को व्याकरण कहते लोग प्रबुद्ध’। विराम चिह्नों के लिए दोहा-‘बोल, लेख के वाक्य में आते हैं ठहराव, यथा उचित ठहराव को चिह्नों से दर्शाव, नहीं व्याकरण का विषय है यह अर्थ प्रधान, चिह्न लगाओ वाक्य में, आशय को पहचान।’
प्रयागराज। सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चे अब कक्षा एक से ही हिन्दी व्याकरण की बारीकियां सीखेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के क्रम में महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर राज्य शिक्षा संस्थान की ओर से पहली बार कक्षा एक से पांच तक की हिन्दी व्याकरण की पुस्तक तैयार की जा रही है।
प्राथमिक स्तर की हिन्दी व्याकरण पुस्तक के माध्यम से बच्चों में हिन्दी भाषा ज्ञान में बुनियादी साक्षरता का संवर्धन करना है। खास बात यह कि व्याकरण और वर्कबुक (कार्यपुस्तिका) को एकसाथ प्रकाशित किया जाएगा। इस किताब से प्रदेशभर के 1.14 लाख से अधिक प्राथमिक स्कूलों में अध्ययनरत पांचवीं तक के तकरीबन सवा करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभ होगा।
संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर ने बताया कि प्राथमिक स्तर के छात्र-छात्राओं के मानसिक स्तर को ध्यान में रखते हुए विद्वतजनों के सहयोग से सरल, सुगम और बोधगम्य हिन्दी व्याकरण पुस्तक का विकास किया जा रहा है। संस्थान की सहायक उप शिक्षा निदेशक और समन्वयक समग्र शिक्षा डॉ. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि अभ्यास पत्रक सहित बन रही पुस्तक के माध्यम से बच्चे व्याकरण की बारीकियों को सरल और सहज तरीके से समझकर अपनी ज्ञान क्षमता में वृद्धि करेंगे।