बेल्हा में शिक्षकों को रास नहीं आ रहा एआरपी पद, उम्मीद के मुताबिक नहीं हो सके आवेदन
प्रतापगढ़। परिषदीय स्कूलों के बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान की शिक्षा देने एवं विद्यालयों का अनुश्रवण करने के लिए ब्लॉक स्तर पर एआरपी यानि एकेडमिक रिसोर्स पर्सन का चयन किया जाना है। विभाग द्वारा 20 फरवरी को निकाले गए विज्ञापन के सापेक्ष बहुत कम आवेदन किए गए हैं।

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- उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय / मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2024-25 में वार्षिक परीक्षा एवं मूल्यांकन के सम्बन्ध में।
विभागीय सूत्र के अनुसार 10 मार्च तक नगर क्षेत्र तथा पट्टी ब्लॉक से आवेदन ■ के लिए खाता ही नहीं खुल सका। ब्लॉकवार आवेदन पर नजर डाला जाए तो सर्वाधिक आवेदन बाबागंज से 13,
कालाकांकर व कुंडा से 11, रामपुर संग्रामगढ़, शिवगढ़, सदर से 7 तथा मंगरौरा से 6, मान्धाता से 5 तथा सांगीपुर, बिहार, गौरा, लालगंज से 4 आवेदन किए गए। आसपुर देवसरा, बाबा बेलखरनाथ से 3, लक्ष्मणपुर से 2 तथा सांडवा चंद्रिका से महज 1 आवेदन किया गया है।
इस तरह से देखा जाए तो प्रत्येक विषय से आवेदन किया जाय तो प्रति ब्लॉक न्यूनतम 5 आवेदन किया जाना चाहिए था किंतु ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षकों में एआरपी पद के लिए कोई दिलचस्पी नहीं है। बता दें कि बेसिक स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता परखने के
लिए एआरपी का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। शासन की गाइड लाइन के अनुसार शिक्षक केवल एक ही बार एआरपी बन सकेंगे। यदि किसी शिक्षक ने फिर से आवेदन किया होगा तो उसका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। ज्ञात हो कि एआरपी रखे जाने से स्कूलों में काफी हद तक शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार आया और कई विद्यालय एवं छात्र निपुण हो गए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि शिक्षकों को एआरपी पद हेतु आवेदन के लिए प्रेरित किया गया है। शासन की मंशा के अनुरूप प्रक्रिया का संपादन किया जाएगा।