: परिषदीय स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र से हर महीने अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) का आयोजन किया जाएगा। निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी अभिभावकों से नियमित संवाद पर जोर दिया जा रहा है। कक्षा में विद्यार्थियों की पढ़ाई और अनुशासन में क्या स्थिति है, प्रतिदिन गृहकार्य वह कर रहा है या नहीं और नियमित स्कूल आ रहा है या नहीं इसे लेकर अभिभावकों से अध्यापक चर्चा करेंगे। वहीं यूनिफार्म, जूता व मोजा इत्यादि के लिए अभिभावकों के खाते में भेजे गए 1,200 रुपये की धनराशि का उपयोग कराया जाएगा।
अभी कुछ विद्यालय अपने स्तर पर चार महीने में अभिभावकों को आमंत्रित कर यह बैठक कर रहे थे। अब इसे हर महीने सभी स्कूलों में आयोजित किया जाएगा। स्कूल शिक्षा महानिदेशालय की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए गए हैं कि वह स्कूलों में हर महीने इसके आयोजन की मानीटरिंग करें। अभिभावकों के साथ शिक्षकों
• निजी स्कूलों की तर्ज पर अभिभावकों से नियमित संवाद
•विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी के प्रयास किए गए तेज
की बैठक होने से विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान मौके पर होगा। ऐसे विद्यार्थी जो पढ़ाई में कमजोर हैं उनके अभिभावकों को इसकी जानकारी दी जाएगी। घर पर भी वह हर दिन पढ़ाई करें और फुल यूनिफार्म में ही विद्यालय आएं इसे सख्ती से लागू कराया जाएगा। कुछ अभिभावक ऐसे हैं, जिन्होंने यूनीफार्म नहीं खरीदी। नियमित पीटीएम होने से उन पर इसे लेकर दबाव बनाया जाएगा कि वह सरकार की ओर से दी गई धनराशि का सदुपयोग करें। अभी इसके लिए बार-बार अभिभावकों को विद्यालय बुलाने पर भी वह नहीं आते। फिलहाल अब ऐसा नहीं होगा। इसी सप्ताह प्रायोगिक तौर पर एक पीटीएम विद्यालयों में आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि आगे किसी भी तरह की कठिनाई न हो। बैठक के निष्कर्ष खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से बीएसए को भेजेंगे।