हरदोई। सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारी को पेंशन और वेतन दोनों ही जारी होने के मामले में डीएम के निर्देश के बाद भी विभाग अब तक गड़बड़ी के लिए जिम्मेदारी तय नहीं कर पाया है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेकर डीएम ने जब हस्तक्षेप किया तो बमुश्किल अफसरों ने कर्मचारी को जारी किया गया वेतन वापस चालान के जरिए विभाग में जमा कराया है। कुल 5,45,602 रुपये जमा कराए गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित जूनियर हाईस्कूल वैटगंज कुसुमकांती चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
के पद पर तैनात थीं। जनवरी 2023 में वह सेवानिवृत्त हो गई थीं। इसके बावजूद विभाग से उनके खाते में पेंशन के साथ ही वेतन भी जाता रहा। अमर उजाला ने इस पूरे खेल का खुलासा 19 मार्च के अंक में किया था।
20 मार्च को बीएसए ने दावा किया था कि रुपये वापस जमा करा लिए गए हैं, लेकिन पड़ताल के दौरान रुपये जमा न होने की बात सामने आई थी।
पूरे मामले का संज्ञान लेकर डीएम एमपी सिंह ने 23 मार्च को बीएसए को पत्र भेजा था। इस पत्र में पूरी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदारी
तय करने के निर्देश देते हुए कार्रवाई के लिए कहा गया था। तीन दिन के अंदर बीएसए से जवाब मांगा था।
बीएसए ने यही पत्र खंड शिक्षा अधिकारी नगर छोटेलाल को भेज दिया। अभी 12 अप्रैल को कर्मचारी को अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 तक जारी किए गए वेतन के 5,45,602 रुपये वापस जमा करा लिए हैं। कार्रवाई तो दूर अभी तक यह भी तय नहीं हो पाया है कि आखिर किसकी गलती से ऐसा हुआ था।
खंड शिक्षा अधिकारी नगर छोटेलाल ने बताया कि वेतन का रुपया जमा करा लिया गया है। पत्र के संबंध में बीएसए को आख्या दे दी गई है।