परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाध्यापकों के साथ ही शिक्षकों के कार्य एवं दायित्व का निर्धारण कर दिया गया है। इस बावत महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सूबे के सभी बीएसए को पत्र भी लिखा है। नियमों के मुताबिक अब अगर हाजिरी बनाकर शिक्षक गायब हुए तो प्रिंसिपल उन्हें नोटिस जारी कर सकेंगे। इसके अलावा व्यवहार और आचरण गड़बड़ होने पर भी नोटिस देंगे।
विद्यालय में यदि कोई शिक्षक-शिक्षिका विलंब से आते हैं या बिना सूचना अनुपस्थित रहते या उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर बनाकर विद्यालय से अनुपस्थित हो जाते हैं। साथ ही प्रधानाचार्य से दुर्व्यवहार करते हैं तो ऐसे शिक्षकों को प्रधानाध्यापक नोटिस जारी कर सकेंगे। बिना सूचना के अनुपस्थित शिक्षक-शिक्षिकाओं को उपस्थिति पंजिका पर अनुपस्थित अंकित किया जाएगा। एक अवसर देने के बावजूद यदि शिक्षक समय से विद्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं और आचरण में सकारात्मक बदलाव नहीं लाते हैं तो संबंधित शिक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक प्रस्ताव तैयार कर खंड शिक्षाधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजा जाएगा। दोनों अधिकारी प्रधानाध्यापक द्वारा भेजे गए प्रस्ताव का संज्ञान लेकर एवं जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित शिक्षक पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
महानिदेशक की ओर से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि शिक्षकों के लिए यह सुनिश्चित है कि शैक्षिक पाठ्यक्रम एवं निर्धारित समय सारिणी के अनुसार अपना पाठ्यक्रम पूर्ण करेंगे। इसकी मासिक समीक्षा प्रधानाध्यापक ही करेंगे। मासिक समीक्षा में जिन शिक्षकों का पाठ्यक्रम समय से पूर्ण नहीं मिला तो प्रिंसिपल उन्हें नोटिस जारी कर इसकी सूचना खंड शिक्षाधिकारी को देंगे। साथ ही सप्ताह में एक बार प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में विद्यालय के सभी शिक्षकों की बैठक भी होनी है।