बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए पदोन्नति मृग मरीचिका बनकर रह गई है। वैसे तो अध्यापक सेवा नियमावली में तीन साल सेवा पर पदोन्नति का नियम है, लेकिन प्रयागराज समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में 15 साल की सेवा कर चुके शिक्षकों की अब तक पदोन्नति नहीं हो सकी है। आलम यह है कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारी पिछले डेढ़ साल में वरिष्ठता सूची समेत अन्य विषय पर 14 आदेश जारी कर चुके हैं, लेकिन पदोन्नति का इंतजार खत्म नहीं हो सका है।

- अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए मुख्य डाक्यूमेंट्स
- आज से पिछले 4 सत्र के छुटे हुए ITR निम्न पेनल्टी के साथ भरे जा सकते हैं इनकम 3 लाख से 5 लाख तक होने पर पेनल्टी मात्र ₹1000 लगेगी अब से लेकर पिछले AY 2021-22 तक का ITR भी भर सकते हैं।
- अल्पसंख्यक विद्यालयों में RTE एक्ट का प्रभाव एवं पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता मामले की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई दिनांक 03/04/2025 को
- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित 58वाँ प्रान्तीय सम्मेलन के अवसर पर विशेष अवकाश स्वीकृत करने के संबंध में।
- सभी भर्तियों को मौका इसके साथ ही जो लोग सेवा काल को लेकर चिंतित थे, उनकी चिंता भी स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
आखिरी बार 24 जुलाई को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आपत्ति लेते हुए शिक्षकों की अंतिम वरिष्ठता सूची प्रकाशित करते हुए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। उसके बाद से न तो सचिव ने कोई मार्गदर्शन दिया और न ही पदोन्नति की बात हुई। प्रयागराज में फरवरी 2009 के बाद से नियुक्त सहायक अध्यापकों का प्रमोशन नहीं हुआ था। आखिरी बार 2016 में शिक्षकों की पदोन्नति हुई थी। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि 15 साल की सेवा के बावजूद पदोन्नति न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है।