मंझनपुर। परिषदीय विद्यालयों में संचालित मध्यान्ह भोजन योजना का बजट छह माह से स्कूलों में नहीं पहुंचा। शिक्षक अपने पास से योजना का संचालन कर रहे हैं। इतना ही नहीं, रसोइयों को भी दो माह से मानदेय नहीं मिला। इसके चलते शिक्षक व रसोइया दोनों को परेशानी हो रही है।
- कैलेंडर 2025 : पर्व व त्यौहार
- शिक्षा सेवा चयन आयोग ने शुरू कराया पाठ्यक्रमों का रिवीजन
- निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए 1.32 लाख आवेदन
- भूलवश नहीं लिया था डीएम का अनुमोदन जिले में कर ली थी 448 आशाओं की भर्ती
- डॉ. जितेंद्र बने माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष
जिले के परिषदीय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना संचालित है। योजना में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के हर बच्चों को विद्यालय में मेन्यू के अनुसार गर्मागर्म पौष्टिक आहार दिया जाता है।
सरकार जिले के परिषदीय व एडेड 1468 स्कूलों में पंजीकृत करीब एक लाख 85 हजार बच्चों के लिए बजट भी देती है। जूनियर के छात्रों के लिए 8.17 रुपये प्रति विद्यार्थी और प्राइमरी में 5.45 रुपये प्रति विद्यार्थी की दर से स्कूल को भुगतान होता है। इसके अलावा चार रुपये प्रति बच्चे की दर से सप्ताह में एक दिन फल के लिए दिया जाता है।