नई दिल्ली। केंद्र सरकार राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2025 से छात्रों को अनगिनत बार परीक्षा देने का विकल्प खत्म करने जा रही है। अगले साल से छात्र तीन से चार बार ही नीट-यूजी दे सकेंगे। साथ ही जेईई मेन की तरह एक दिन के बजाय परीक्षा कई दिनों तक पालियों में कराई जाएगी। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सुधार समिति ने पहली रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। हालांकि सरकार ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया है। अखिल भारतीय प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) के समय अभ्यर्थी तीन बार ही परीक्षा दे सकते थे।
![](https://basicshikshakhabar.com/wp-content/uploads/2020/09/download-2.jpeg)
- डीएलएड. द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा अब मार्च माह के तीसरे सप्ताह में संपन्न होगी💥💯✅
- निरीक्षण में नौ हेडमास्टर सहित 71 अनुपस्थित मिले
- 30 सहायक अध्यापक मिले अनुपस्थित दो शिक्षामित्रों की सेवा समाप्त की गई
- आरटीई से 1800 बच्चों को प्रवेश
- एक करोड़ रुपये तक की प्रापर्टी पर महिलाओं को मिलेगी स्टांप छूट
सूत्रों के अनुसार, पेन-पेपर से परीक्षा के कारण ही प्रश्नपत्र लीक हुए क्योंकि दूरदराज व ग्रामीण इलाकों में प्रश्नपत्र काफी पहले भेजने पड़ते हैं। समिति का सुझाव है कि इंजीनियरिंग की जेईई मेन की तर्ज पर मेडिकल दाखिले की नीट यूजी को हाइब्रिड मोड से कराया जाए। इसमें प्रश्नपत्र छापने का झंझट नहीं रहेगा। डिजिटल मोड से परीक्षा होने से प्रश्नपत्र कुछ समय पहले परीक्षा केंद्रों तक पहुंचेंगे। ओएमआर शीट पर छात्र उत्तर लिखेंगे। सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को सुरक्षित बनाए रखने के लिए डिजिटल मोड से पेपर परीक्षा केंद्र में पहुंचाता है।
हाइब्रिड मोड से परीक्षा का सुझाव : सूत्रों के मुताबिक सुधार समिति ने सीयूईटी, यूजीसी नेट समेत अन्य राष्ट्रीय प्रवेश व प्रतियोगी परीक्षाओं को कंप्यूटर आधारित, ओएमआर, हाइब्रिड मोड से कराने का सुझाव दिया है।