लखनऊ : प्रदेश में 351 मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूलों की स्थापना की जाएगी। परिषदीय कंपोजिट स्कूलों को इंटरमीडिएट तक उच्चीकृत कर यह विद्यालय शुरू किए जाएंगे। यहां एक छत के नीचे प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई होगी। इन स्कूलों में दो हजार छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था होगी। अत्याधुनिक लैब और पुस्तकालय के साथ-साथ भरपूर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर होगा। विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाई का अवसर मिलेगा।
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प्रत्येक मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूलों के निर्माण पर 24 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी। सभी जिलों में परिषदीय कंपोजिट विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूल में
परिवर्तित करने के लिए उनका चयन कर लिया गया है। सात एकड़ की जमीन पर इन स्कूलों में 30 कक्षाएं बनाई जाएंगी। निजी स्कूलों की तर्ज पर इन विद्यालयों में विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से पढ़ाई के साथ अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

अभी इन कंपोजिट स्कूलों में प्री- प्राइमरी से लेकर कक्षा आठ तक की पढ़ाई हो रही है। अब कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई के लिए यहां पर जरूरी मूलभूत संसाधन
उपलब्ध कराए जाएंगे। मानक के अनुसार विज्ञान की प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर लैब और बेहतर पुस्तकालय की सुविधाएं होंगी। सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्माण कार्य पूरा करने के लिए विद्यालयों की सतत निगरानी करें। कार्यदायी संस्थाओं पर पूरी नजर रखी जाए।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि जिन जिलों में निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है, वहां की प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर उपलब्ध कराई जाए। कहीं पर भी किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत मिले तो तत्काल उस पर कार्रवाई की जाए।