मैनपुरी में, बेसिक शिक्षा विभाग फर्जी शिक्षकों के मामलों से जूझ रहा है। जिले में शिकायतों के बाद, फर्जी दस्तावेजों के साथ शिक्षकों की नियुक्ति के मामले सामने आ रहे हैं। सुल्तानगंज विकास खंड में, एक प्रधानाध्यापक पिछले 15 वर्षों से फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी कर रहा था, जिसे बीएसए ने जिला चयन समिति की सिफारिश पर बर्खास्त कर दिया है।
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- बेसिक शिक्षा विभाग : 15 साल से फर्जी अभिलेखों से नौकरी करने वाला प्रधानाध्यापक बर्खास्त, होगी रिकवरी
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सुल्तानगंज विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय नगला मिसुर में तैनात प्रधानाध्यापक हृदेश कुमार के खिलाफ छह महीने पहले फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी करने की शिकायत की गई थी। जांच में उनके इंटरमीडिएट के अंकपत्र और प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। बीएसए ने पांच दिन पहले जांच रिपोर्ट जिला समिति को भेजी थी, और जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने जिला चयन समिति को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
28 सितंबर को जिला चयन समिति की बैठक में प्राचार्य डायट मनमोहन शर्मा, बीएसए दीपिका गुप्ता, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मैनपुरी की प्रधानाचार्य सुमन यादव, डीएम द्वारा नामित सदस्य डॉ. सरोज यादव और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की शिक्षिका कुसमा देवी ने हृदेश कुमार की बर्खास्तगी का निर्णय लिया। बीएसए दीपिका गुप्ता ने चयन समिति के आदेश पर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। हृदेश कुमार की नियुक्ति 11 फरवरी 2009 को विशिष्ट बीटीसी 2007 भर्ती प्रक्रिया के तहत मैनपुरी जनपद में हुई थी।
बीएसए दीपिका गुप्ता ने यह भी बताया कि हृदेश कुमार से उनकी 15 वर्षों की सेवा के दौरान दिए गए वेतन की रिकवरी की जाएगी, और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश खंड शिक्षाधिकारी सुल्तानगंज कपूर सिंह परिहार को दिए गए हैं।
प्रधानाध्यापक के अभिलेखों की जांच पर उनके इंटरमीडिएट के अंकपत्र और प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए, जिसके आधार पर जिला चयन समिति ने उन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश की। इसी आधार पर उन्हें सेवा से बर्खास्त किया गया है।