लखनऊ : योगी सरकार के आठ वर्ष के कार्यकाल में सात लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं। उप्र लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के माध्यम से 48.5 हजार व उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) के जरिये 46 हजार अभ्यर्थियों को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियां मिली हैं। अकेले इन दोनों आयोगों के जरिये विभिन्न विभागों के 95 हजार पदों पर चयन हुआ।

- India news : देश के सासंदों की बढ़ गई सैलरी और पेंशन, जानिए अब किसे कितना मिलेगा वेतन
- MDM के तहत फल वितरण के दिन फल की जगह विद्यार्थियों को बाँट दिया गाजर-मटर, वीडियो वायरल, प्रधानाध्यापक निलंबित
- Primary ka master: ईद से पहले शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को करें मार्च का भुगतान
- Primary ka master: चले थे क्वालिटी सुधारने खुद फेल हो गए शिक्षक
- ARP पेपर विषय- विज्ञान
पारदर्शी ढंग से भर्ती के साथ-साथ त्वरित गति से नियुक्तियां करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ई-अधियाचन पोर्टल बनाया गया। सभी विभागों से इसी पोर्टल पर खाली पदों का ब्योरा लिया गया और समय-सारिणी निर्धारित कर तीव्र गति से सरकारी विभागों में भर्तियां की गईं। आठ साल के कार्यकाल में कोविड-19 जैसी महामारी के बावजूद भर्तियों की
रफ्तार में कोई कमी नहीं आई। एक अप्रैल 2017 से लेकर 20 मार्च 2025 तक 48,593 अभ्यर्थियों का चयन यूपीपीएससी के माध्यम से किया गया। सबसे अधिक चयन 2019-20 में 13,893 पदों पर भर्ती की गई। वहीं वर्ष 2024-25 में अब तक 1,918 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। ऐसे ही यूपीएसएसएससी ने अब तक 46,032 अभ्यर्थियों का चयन किया।
वर्ष 2022-23 में 11,800 चयन के साथ सर्वाधिक भर्ती की गई। वर्ष 2024-25 में अब तक 6,106 युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए। चार वर्षों में 35 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रमों के जरिये खुद योगी ने चयनितों को नियुक्ति पत्र बांटे।