आगरा। पुरुषों के साथ बीते दिनों हुई घटनाओं से सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी असमंजस में हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अचानक से पुरुषों के साथ होने वाली घटनाओं की संख्या क्यों बढ़ रही है। पर, किसी पुरुष आयोग की जरूरत नहीं है, बस महिलाएं बेटियों की ससुराल में हस्तक्षेप बंद कर दें। समस्या खुद समाप्त हो जाएगी।

यह कहना है राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान का। उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से पतियों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं के पीछे परिवार के संस्कार दोषी हैं। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने कहा
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा, पतियों की बढ़ती आत्महत्या के पीछे परिवार के संस्कार जिम्मेदार
कि इन घटनाओं के पीछे परिवार खासतौर से मां के दिए संस्कार जिम्मेदार हैं। सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने भी इन घटनाओं में वृद्धि की है। साथ ही पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हैं। काम की अधिकता के चलते दोनों के बीच मनमुटाव, तनाव और अवसाद बढ़ता है। ब्यूरो