परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को जल्द ही रजिस्टरों पर लिखा-पढ़ी से मुक्ति मिल जाएगी। शिक्षकों को अपनी और विद्यार्थियों की हाजिरी रजिस्टरों में नहीं लगानी होगी। इसके लिए शिक्षकों के पास डिजिटल रजिस्टर रहेंगे। स्कूलों को टैब मिलते ही इस पर काम होने लगेगा। इससे आंकड़ों का रखरखाव बेहतर हो जाएगा।
परिषदीय स्कूलों में प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को कई तरह के रजिस्टर मेनटेन करने होते हैं। इसमें अधिक समय लगता है और जब कभी आंकड़े आदि मांगे जाते हैं तो इन्हें बार बार लिखकर या डिजिटल फीडिंग कर देना होता है। समय की बचत और आंकड़ों के बेहतर रखरखाव के लिए अब 12 ऐसे रजिस्टर लिए गए हैं, जिनका डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। इन पंजिकाओं का उपयोग वास्तविक समय (रियल टाइम) के लिए हो सकेगा।
डायट को दी गई जानकारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के उप शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है जिसमें डिजिटाइजेशन की जानकारी दी गई है। यह सभी रजिस्टर प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे।
12 रजिस्टर जो होंगे डिजिटलाइज उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण पंजिका, स्टॉक पंजिका, आय व्ययक एवं इश्यू पंजिका (बजटवार), बैठक पंजिका, निरीक्षण पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका, बाल गणना पंजिका और पुस्तकालय एवं खेलकूद पंजिका। रजिस्टरों के डिजिटाइजेशन से कई तरह के लाभ होंगे।
सभी हाजिरी रजिस्टर आदि ऑनलाइन रहेंगे। इससे बार बार आंकड़ों को भेजना नहीं होगा। वर्तमान में सभी जानकारियां ऑनलाइन बाद में भेजनी होती हैं। अगले माह से शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू होगा। एससीईआरटी यह काम डायट के माध्यम से करेगा।