प्रयागराज, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कॉन्वेंट स्कूलों की तरह संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मिशन कायाकल्प के तहत करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद प्रदेश सरकार इस पूरी कवायद का प्रभाव जानना चाह रही है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निर्देश पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्रयागराज के प्रवक्ताओं की एक टीम परिषदीय स्कूल कितने बदले हैं, इसका अध्ययन करेगी।
‘मिशन कायाकल्प के बाद प्राइवेट स्कूलों के सापेक्ष सरकारी विद्यालयों के प्रति समाज के दृष्टिकोण में परिवर्तन का तुलनात्मक अध्ययन’ विषयक अध्ययन के लिए उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थाओं के विशेषज्ञों की सहायता भी ली जाएगी। अगले सप्ताह से शुरू होने जा रहे इस शोध कार्य में परिषदीय विद्यालयों की आधारभूत संरचनाओं एवं उनकी शैक्षिक गुणवत्ता में हुए परिवर्तनों एवं विद्यालयों के प्रति समाज के बदलते हुए नजरिए का अध्ययन किया जाएगा।
इसके लिए 200 शिक्षकों और बच्चों का सर्वे करेंगे। डायट प्राचार्य राजेन्द्र प्रताप के मार्गदर्शन एवं वरिष्ठ प्रवक्ता शिवनारायण सिंह की देखरेख में प्रवक्ता शबनम, निधि मिश्रा, राजेश कुमार पांडेय, अखिलेश कुमार सिंह और पंकज कुमार यादव की टीम को अध्ययन की जिम्मेदारी मिली है।
शिक्षण प्रभावशीलता का भी करेंगे अध्ययन
प्रयागराज। सरकारी स्कूलों के प्रति समाज के नजरिए का अध्ययन करने के साथ ही डायट की टीम प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के अध्यापकों में शिक्षण प्रभावशीलता का तुलनात्मक अध्ययन करेगी। इसके अलावा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशाला एवं गणित किट की उपलब्धता एवं उसका शैक्षिक उपलब्धि पर प्रभाव, बच्चों के अधिगम (सीखने) पर कला विषय के प्रभाव का अध्ययन व उपयोगिता का भी अध्ययन किया जाएगा।
इस अध्ययन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय, सीएमपी डिग्री कॉलेज, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) झलवा, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से अनुबंध कर उनके विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी।
-राजेन्द्र प्रताप, डायट प्राचार्य