सिद्धार्थनगर, । ने माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित बोर्ड परीक्षा के परिणाम ने न शासन-प्रशासन के अधिकारियों को सकते में डाल दिया है। हाल में आए – परिणाम में 99 फीसदी मेधावी बच्चे प्राइवेट स्कूलों के शामिल हैं। ऐसे में शासन के सख्त रुख के बाद डीआईओएस की ओर से जिले के सभी राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) विद्यालयों को पत्र भेजकर बीते तीन वर्षों में हाईस्कूल एवं इंटर बोर्ड परीक्षा के परिणाम को उपलब्ध कराने का फरमान जारी किया गया है। बेहतर परिणाम न देने वाले स्कूलों के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की आंशका जताई जा रही है।
पहले से ही जहां माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित राजकीय समेत अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) विद्यालयों में बच्चों की घटती संख्या चिंता का सबब बना ही था, अब हाल में आए यूपी बोर्ड परीक्षा के परिणाम ने शासन-प्रशासन के जिम्मेदारों को सकते में डाल दिया है। कारण यह है कि परीक्षाफल में भी प्रदेश की टॉपर सूची की बात करें या जनपद के टॉपर बच्चों की। अपवाद के तौर पर एक-दो विद्यालयों की बात छोड़ दें तो 99 फीसदी मेधावी प्राइवेट इंटर कॉलेज के शामिल हैं। राजकीय और एडेड
स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हो या फिर अलंकार प्रोजेक्ट के तहत मूलभूत सुविधाओं के लिए धनराशि देने का मामला हो। पहले की अपेक्षा इधर कुछ वर्षों में सरकारी विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की भी तैनाती हुई है। इसके बाद भी परीक्षा परिणाम देने में एडेड स्कूल फिसड्डी साबित हो रहे हैं।
जूम मीटिंग में छाया रहा मुद्दा : सोमवार को महानिदेशक, स्कूल शिक्षा माध्यमिक की ओर से प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों की जूम मीटिंग में परीक्षा परिणाम में राजकीय और एडेड स्कूलों के खराब प्रदर्शन पर चिंता जाहिर की गई।