प्रयागराज। फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिये कानपुर के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में ज्वाइन करने गए सभी अभ्यर्थी पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) और ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) परीक्षा-2021 में फेल हो गए थे। वह प्रतीक्षा सूची में भी नहीं थे। फिर भी फर्जी तरीके से नियुक्ति पत्र जारी करवाए और कानपुर में डीआईओएस से मिलकर दो ने कॉलेज में ज्वाइन भी कर लिया। इस मामले के खुलासे के बाद अन्य जिलों में नवनियुक्त अभ्यर्थियों के अभिलेखों की जांच होने लगी है। ऐसा खेल कई और जिलों में होने की संभावना है। पीजीटी- टीजीटी भर्ती परीक्षा 2021 में सीतापुर के गांव देवीपुर सिधौली निवासी अरविंद यादव, प्रयागराज के बी-23 जूही कॉलोनी म्योर रोड निवासी स्वाति द्विवेदी और कौवा बरांव करछना निवासी विनय सिंह, मिर्जापुर के बभनैया टोला महुअरिया निवासी आशीष पांडेय और नया शिवम बस्ती महुअरिया निवासी विनीता देवी, मुजफ्फरनगर
के भेंडरा भंदूर निवासी नितिन कुमार, वाराणसी के कोइली ढढोरपुर निवासी रिक्षा पांडेय, मेरठ के मुल्ताननगर शेखपुरा निवासीस ज्योति यादव और आर-12 रामलीला ग्राउंड हस्तिनापुर की विनीता चौधरी शामिल हुए थे, लेकिन मेरिट में नहीं आए। इसमें सफल होने वालों को नियुक्ति दे दी गई। कुछ सफल अभ्यर्थियों ने ज्वाइन नहीं किया तो खाली रह गए पदों के सापेक्ष जुलाई 2023 में प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को मौका दिया गया। वह प्रक्रिया सितंबर तक पूरी हो गई। उसके बाद 18 अक्तूबर 2023 को इन अभ्यर्थियों ने कानपुर के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करवाया।