लखनऊ। प्रदेश में 14 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्रों (डायट) को सेंटर आफ एक्सीलेंस (उत्कृष्टता केंद्र) बनाया जाएगा। यहां अत्याधुनिक पुस्तकालय के साथ-साथ साइंस, टेक्नोलाजी एंड मैथ्य (एसटीईएम) लैब बनाई जाएगी। डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के छात्रों के लिए स्मार्ट क्लास की सुविधा भी मिलेगी। प्रत्येक डायट में करीब 15-15 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। कुल 225 करोड़ रुपये इस पर खर्च किए जाएंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से प्रस्ताव भेज दिया गया है। संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. पवन सचान के मुताबिक जिन 14 जिलों के डायट का कायाकल्प कर उन्हें उत्कृष्टता केंद्रों में तब्दील किया जाएगा उनमें आजमगढ़, सुलतानपुर, बरेली, गौतमबुद्ध नगर, उन्नाव, गाजीपुर, भदोही, मथुरा, फिरोजाबाद, श्रावस्ती, कानपुर, हाथरस, प्रतापगढ़ और कौशांबी शामिल हैं।
यहां एकेडमिक ब्लाक में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कक्षाएं होंगी। स्मार्ट क्लास में डीएलएड के विद्यार्थी आडियो-वीडियो की मदद से आसानी से कठिन से कठिन पाठ समझ सकेंगे। साइंस, टेक्नोलाजी एंड मैथ्स लैब में विद्यार्थियों को प्रयोग के लिए बेहतर सुविधा मिलेगी। पुस्तकालय में ई बुक्स की भी उपलब्धता रहेगी। आडिटोरियम, गर्ल्स व ब्वायज हास्टल और कैंटीन की भी अच्छी सुविधा दी जाएगी। दूसरे चरण के लिए 14 डायट का चयन किया गया है।
पहले चरण में चयनित 13 जिलों के डायट को उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाने का कार्य शुरू हो गया है। पहले चरण में जिन जिलों में डायट का कायाकल्प किया जा रहा है उनमें मेरठ, प्रयागराज, मुरादाबाद, आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, जौनपुर, बाराबंकी, वाराणसी, कुशीनगर, गोरखपुर और मुजफ्फरनगर शामिल हैं। यहां इन सभी डायट के लिए कुल 103 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इन्हें उत्कृष्टता केंद्र बनाने के लिए कायाकल्प का कार्य भी शुरू हो गया है।