महराजगंज। जनपद के 60 परिषदीय स्कूलों की शिक्षा तत्कालीन सत्र में जैसे तैसे चल रही है। सत्र प्रारंभ हुए छह माह का समय व्यतीत हो गया है। स्कूलों में एक बार की सत्र परीक्षा भी आयोजित हो चुकी है। बावजूद एकल शिक्षक के भरोसे संचालित इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई।
- NAT EXAM : कैसे होगा NAT टेस्ट से ग्रेड का निर्धारण, जानिए
- 11वीं व 12वीं कक्षा में छात्रों को मिले तीन कौशल पाठ्यक्रम का विकल्प
- नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में सीनियरों ने जूनियर को पीटा
- JOB : कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी के लिए विज्ञप्ति जारी
- वेतन निर्धारण में गलती करने वालों को जवाबदेह बनाना चाहिए : हाईकोर्ट
जनपद में 1705 परिषदीय स्कूलों का संचालन है, जिसमें 2.46 लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बावजूद ब्लाॅक में पांच स्कूल ऐसे हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या तो 100-150 तक है, लेकिन संचालन एकल शिक्षकों के भरोसे है। इस सत्र की बात करें तो दो मौके ऐसे आए जब विभाग यहां शिक्षकों की संख्या बढ़ा सकता था, लेकिन दोनों मौके समाप्त हो गए और एकल शिक्षकों के भरोसे ही 60 स्कूल बने रह गए।
अगस्त में 256 शिक्षक जिले को मिले थे, लेकिन एकल शिक्षक वाले स्कूलों के चयन की बाध्यता न करने के चलते शिक्षकों ने मनचाहे स्कूल का चयन किया। समायोजन की प्रक्रिया जो सितंबर माह में संपन्न हुई इसके बाद भी एकल शिक्षक वाले स्कूलों की स्थिति पूर्ववत रही। प्राइमरी स्कूलों में निर्धारित मानक के अनुसार 30 बच्चों पर एक शिक्षक, 45 बच्चों पर दो शिक्षक, 60 बच्चों पर तीन शिक्षक, 75 बच्चों पर चार तथा 90 बच्चों पर पांच शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए, लेकिन जिले में अधिसंख्य प्राइमरी स्कूलों में इस मानक का पालन नहीं हो रहा।
जनपद में एकल शिक्षकों के भरोसे ऐसे 60 स्कूलों की सूची प्राप्त निर्देशानुसार महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय भेजी जा चुकी है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार और शिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए। उच्चाधिकारियों की ओर से आगे जो आदेश मिलेगा उसका अनुपालन किया जाएगा।
-श्रवण गुप्ता, बेसिक शिक्षा अधिकारी