नई दिल्लीः लंबी प्रतीक्षा के बाद तीन तरफ से देश में मौसम का मिजाज बदलने का वातावरण बन चुका है। उत्तर में जम्मू-कश्मीर के पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ का असर मंगलवार देर रात से दिखने लगा है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जिसके चलते तटीय इलाकों में बारिश हो सकती है। उधर, दक्षिण के राज्यों में लगातार बारिश जारी है।
दिल्ली समेत उत्तर भारत के एक बड़े इलाके को बुधवार को अचानक गहरे स्माग ने घेर लिया। लोगों ने पहले तो इसे कोहरा समझा, लेकिन यह हकीकत में कोहरा नहीं, धुंध के साथ प्रदूषण का मिश्रण है। अभी दिल्ली में जो स्माग है, वह गुजरात और राजस्थान की ओर से आने वाली हवा के कारण है। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि दो दिनों बाद जब उत्तर-पश्चिम से हवा का बहाव होने लगेगा तो उत्तर के मैदानी इलाकों का तापमान भी धीरे-धीरे गोता लगाने लगेगा। मौसम का मिजाज बता रहा है कि अगले तीन-चार दिनों में तापमान और नीचे जाएगा। हालांकि कड़ाके की ठंड तब भी नहीं पड़ेगी। ठंड का गहरा असर
तब होगा जब पहाड़ों में भारी
बर्फबारी होगी। जम्मू-कश्मीर में
अभी जो हिमपात हो रहा है, वह मजबूत नहीं है। उत्तरी हिस्से के पर्वतीय इलाकों में हल्की बर्फबारी गिरावट बदलाव से तापमान में थोड़ी आई है, लेकिन बड़ा नहीं दिखाई दे रहा है।
गुरुवार को एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर के पहाड़ों में आने वाला है। इस बार अभी तक कोई भी मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं आ पाया है। ऐसे में ठंड के आगमन को रोककर तापमान अपने स्तर पर बना हुआ है। इसके पहले के वर्षों में 15 नवंबर से पहले तक दो-तीन बार पश्चिमी विक्षोभ आ जाया करता था और तापमान नीचे गिर चुका होता था। बंगाल की खाड़ी से निम्न दबाव के चलते नमी का प्रवाह आंध्र प्रदेश से लेकर तेलंगाना तक जारी है। इसका असर ओडिशा और छत्तीसगढ़ तक भी देखा जा सकता है। निजी एजेंसी स्काइमेट के अनुसार दिल्ली की ओर आने वाली हवा की रफ्तार बहुत धीमी है। इसके चलते आसमान साफ नहीं है और प्रदूषण का स्तर भी बना
हुआ है।