लखनऊ। शिक्षक शिक्षामित्र उत्थान समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू सिंह ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को मांग पत्र सौंपा उन्होंने मांग पत्र के द्वारा बताया कि भारत जैसे देश में जहाँ गुरू-शिष्य परम्परा अर्थात गुरू का स्थान ईश्वर से बढ़कर है परन्तु आज शिक्षामित्र (गुरु जी) बढ़ती पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ नित बढ़ती महंगाई में पिछले सात वर्षों से अल्प मानदेय 10000 रूपये मिलने के कारण विद्यालय में शिक्षण करने के उपरान्त जीवन यापन एवं पारिवारिक भरण पोषण के लिए मजदूरी तक करने को विवश हैं।
वर्तमान में लगभग 147000 स्नातक बी.टी.सी. शिक्षा मित्र कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग 50000 शिक्षामित्र स्नातक, बी.टी.सी. एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) उत्तीर्ण भी हैं जो कि एन सी टी ई के मानक के अनुसार शिक्षक बनने की पूर्ण योग्यता रखते हैं। हमारी योग्यता को दृष्टिगत रखते हुए आपसे सादर निवेदन करते हैं कि उत्तराखण्ड/हिमांचल प्रदेश के अनुरूप नियमावली में संशोधन करते हुए उत्तर प्रदेश के लगभग 50 हजार प्रशिक्षित शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षा मित्रों को उनके कार्यानुभव तथा योग्यता को दृष्टिगत रखते हुए सहायक अध्यापक पद पर नियमित किया जाए।
18 नवम्बर 2020 को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर रामशरण मौर्य वर्सेज स्टेट आफ उत्तर प्रदेश केस 003707/2020 के परिपेक्ष्य में सरकार द्वारा दिये गये हलफनामे में 51112 पदों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी. सी. टी.ई.टी.) उत्तीर्ण योग्य शिक्षामित्रों को सुपर टेट (ATRE) से छूट प्रदान करते हुए सहायक अध्यापक पद पर नियमित किया जाए।
उपरोक्त व्यवस्था के लागू होने तक समान कार्य का समान वेतन दिया जाय।
नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत नानटेट शिक्षामित्रों को उनके 24 वर्षों के कार्यानुभव को दृष्टिगत रखते हुए विभागीय टेट कराकर नवीन नियमावली बनाकर नियमित किया जाय। प्रदेश की महिला शिक्षामित्र जो नियुक्ति तिथि से अब तक अपने गृह जनपद में कार्यरत है, उन्हें उनके पति के जनपद में स्थानान्तरण किया जाय। शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय वापसी निर्देश को पुनः विकल्प के आधार पर अमल में लाने का आदेश जारी किया जाय। शिक्षामित्रों को शिक्षकों के समान आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त चिकित्सीय अवकाश एवं महिला शिक्षामित्रों को बाल्य देखभाल (सी.सी.एल.) अवकाश, हाफ सी.एल., ई.एल., कैशलेश मेडिकल प्रदान किया जाय। शिक्षक शिक्षामित्र उत्थान समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू सिंह द्वारा उपरोक्त मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग किया गया है।