महराजगंज। परिषदीय स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की पोल अब खुल रही है। बलिया का शिक्षक फर्जी दस्तावेज के सहारे नाैकरी कर रहा था। यह खुलासा एसटीएफ की जांच में हुआ है। इससे अन्य आरोपियों में हड़कंप मच गया है। मामले में पहले ही 17 शिक्षकों पर केस दर्ज कराया जा चुका है।
जानकारी के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय करजहीं क्षेत्र बृजमनगंज के शिक्षक ब्रजेश कुमार पर सदर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज हुआ है। इनके शैक्षिक दस्तावेज की जांच एसटीएफ मुख्यालय की टीम ने की। ईएचआरएमएस कोड 373287 संदिग्ध है। दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि ब्रजेश जनपद बलिया के बाछापार के रहने वाले हैं। कूटरचित शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर करजहीं प्राथमिक विद्यालय में नौकरी कर रहे थे।
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खंड शिक्षा अधिकारी बृजमनगंज अगनित कुमार की तहरीर पर केस दर्ज हुआ है। जिले में अन्य शिक्षकों के दस्जावेजों की जांच एसटीएफ कर रही है। हैरानी की बात है कि नियुक्ति के दौरान इस फर्जीवाड़े पर किसी की नजर नहीं पड़ी।
शिक्षा प्रबंधन सॉफ्टवेयर
सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग का एक बड़ा सिंडिकेट इसमें शामिल है। धंधेबाज डिग्री बनवाने से लेकर नौकरी दिलाने तक का ठेका लेते थे। इसके एवज में 10 लाख रुपये से अधिक की वसूली होती थी। बाहर के जिलों के युवाओं को निशाना बनाया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग अक्सर सुर्खियों में रहता है। गुजरे वक्त में सर्व शिक्षा अभियान में घोटाले को लेकर चर्चा में रहा। अब तो फर्जी नियुक्ति को लेकर विभाग सुर्खियों में बना है। अभी न जाने के कितने फर्जी शिक्षक होंगे, किसी को पता नहीं है।
शिकायत होने के बाद ही मामला खुल रहा है। बीते 12 दिसंबर को सदर कोतवली में संतकबीरनगर की सिरसी गांव की जगतारणी राय के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इन्होंने डीएड विशेष शिक्षा की जगह पर साधारण डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन स्पेशल एजुकेशन) की डिग्री लगाकर नौकरी पा गई थी। इनके भी मामले की जांच हो रही है। सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र राय ने मामले में केस दर्ज होने की पुष्टि की।