दरोगा की तहरीर पर सैदनगली थाने में तीन के खिलाफ एफआईआर
हसनपुर। नाबालिग को बालिग साबित करने के लिए फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र बनवाए गए। जांच में गड़बड़ी का पता चला तो पूरी पोल खुल गई। जांच हुई तो प्रमाणपत्र जारी करने वाली कथित प्रधानाचार्या भी फर्जी निकली। मामले में दरोगा की तहरीर पर सैदनगली थाने में कथित प्रधानाचार्या समेत तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

- उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने की प्रतिकूल मौसम के मद्देनजर विद्यालय के समय परिवर्तन की मांग
- Primary ka master: अश्लील हरकत करने वाला आरोपी शिक्षक मैनुद्दीन अंसारी हुआ निलंबित
- विद्यालय समय परिवर्तन के संबंध में BSA का आदेश जारी अब होगा 7 से 12 तक देखे आदेश
- योगी कैबिनेट बैठक में 15 फैसले, अयोध्या में डे केयर स्कूल, हाथरस में मेडिकल कॉलेज और क्या-क्या
- यूपी बोर्ड रिजल्ट : नौ के बाद शुरू हो जाएगी रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया
हसनपुर के एक गांव से जनवरी 2025 में एक 16 वर्षीय किशोरी गायब हो गई थी। परिजनों ने थाना क्षेत्र के गांव निवासी एक युवक उसके पिता और माता के खिलाफ किशोरी का अपहरण करने का केस
किशोरी के उम्र को बालिग दिखाने के प्रयास में लगाए गए शैक्षिक प्रमाण पत्र गलत साबित हुए। मामले की विवेचना कर रहे दरोगा सुनील कुमार शर्मा की तहरीर पर कथित प्रधानाचार्या रेखा गुप्ता पत्नी बृजेश गुप्ता, आकाश व ब्रह्मपाल निवासी गांव शब्दलपुर शर्की के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। दीप कुमार पंत, सीओ
दर्ज कराया था। इसके बाद किशोरी 28 जनवरी को खुद ही थाने पहुंच गई थी। उसने बताया था कि वह अपनी रिश्तेदारी में गई थी।
पुलिस ने उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया था,
जहां से राजकीय बालिका गृह भेज दिया गया।
इस बीच आरोपी पक्ष की ओर से विवेचक और बाल कल्याण समिति के समक्ष किशोरी के कक्षा आठवीं के अंक पत्र और टीसी प्रस्तुत किए गए थे, जो गांधी जूनियर हाईस्कूल पीलाकुंड हफीजपुर की ओर से जारी किए गए थे। विवेचक ने दस्तावेजों की जांच के लिए बीएसए के पास भेजा था। बीएसए ने मामले की जांच कराई तो अंक पत्र और टीसी फर्जी निकली। जांच में सामने आया कि उक्त विद्यालय में किशोरी कभी पढ़ी ही नहीं। वहीं, जिस प्रधानाचार्या की ओर से टीसी जारी और सत्यापित की गई, उस नाम की प्रधानाचार्या भी कभी स्कूल में नहीं रही।