नई दिल्ली, एजेंसी। देश में जनगणना और जातीय गणना प्रक्रिया को डिजिटल तरीके से पूरा करने के लिए 30 लाख से अधिक कर्मियों की जरूरत पड़ सकती है।
मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि जनगणना में शामिल कर्मचारियों का विशेष प्रशिक्षण इसी साल अक्तूबर में शुरू हो सकता है। जानकारों की मानें तो जनगणना के आंकड़े टैबलेट के जरिए एकत्र किए जाएंगे। इन टैबलेट के जियो फेंसिंग से जोड़ा जाएगा। जियो फेंसिंग के जरिए आंकड़ा तभी भरा जा सकता है जब जनगणना अधिकारी उक्त स्थान पर मौजूद होगा।

इस बार की जनगणना में नागरिकों को अपनी जानकारी खुद भरने का मौका मिल सकता है। कई नई चीजें और सवाल शामिल हो सकते हैं। कई नए विकल्पों और सवालों को इसमें जोड़ा जा सकता है। पहली बार संप्रदाय को लेकर भी सवाल पूछे जाने की संभावना है। युवाओं को लेकर कुछ नए सवाल भी पूछे जा सकते हैं। वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार 121.019 करोड़ से अधिक आबादी में 62.372 पुरुष जबकि 58.646 करोड़ महिलाएं थीं।
जातीय गणना से परहेज
वर्ष 1961, 1971, 1981, 1991, 2001 में जो भी जनगणना हुई, उसमें सरकार ने जातीय गणना से दूरी रखी थी। वर्ष 2011 की जनगणना में पहली बार जाति आधारित आंकड़े भी एकत्र किए गए, लेकिन यह आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया।