निर्देश
नई दिल्ली, एजेंसी। आयकर विभाग आकलन वर्ष 2025-26 में पांच मामलों में आयकर रिटर्न की पूरी सख्ती से जांच करने जा रहा है। इसको लेकर आयकर विभाग नोटिस भी भेजेगा। इसमें आईटीआर में दर्ज आय, कर कटौती, निवेश और कर छूट की जांच की जाएगी।
दरअसल, इस बार आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव हुए हैं जैसे नए फॉर्म, कर तालिका में संशोधन और नियमों में प्रमुख बदलाव।
अब कई मामलों में आयकर विभाग पूरी जांच करने वाला है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 14 जून 2025 को जारी नए दिशा-निर्देशों में यह बात स्पष्ट की है।

आयकर विभाग आपके आईटीआर को बारीकी से परखेगा। इस दौरान आपकी आमदनी, कटौती, निवेश, कर में मिली छूट, हर जानकारी का मिलान किया जाएगा।
अगर बताई गई कोई भी स्थिति लागू होती है, तो 30 जून 2025 तक जांच का नोटिस भेजा जाएगा। किसी केस को जांच से बाहर करने के लिए प्रिंसिपल सीआईटी की मंजूरी अनिवार्य होगी। विदेशी टैक्स मामलों और सेंट्रल सर्कल्स पर नैकफेस प्रक्रिया लागू नहीं होगी।
इनको लेकर होगी जांच
1 सर्वे वाले केसः अगर एक अप्रैल 2023 के बाद आपके यहां आयकर का सर्वेक्षण हुआ है (धारा 133ए के तहत, 2ए को छोड़कर), तो आपकी आईटीआर की जांच तय है।
सर्च या जब्ती वाले केसः
2 अगर एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच आपके यहां रेड या दस्तावेजों की जब्ती (धारा 132 या 132ए) हुई है, तो आपकी रिटर्न की जांच होगी।
पंजीकरण रद्द होने के बाद भी छूटः अगर किसी ट्रस्ट या
3 संस्था का पंजीकरण रद्द हो चुका है (31 मार्च 2024 तक) और वह टैक्स छूट का दावा कर रही है, तो ये केस जांच में आएगा।
बार-बार आय जोड़नाः अगर 4 पहले कर निर्धारण में आपकी आय में 50 लाख (मेट्रो सिटी) या 20 लाख (अन्य जगहों) से अधिक की बढ़ोतरी की गई थी और अपील न करने या या अपील में हारने पर स्क्रूटनी भी होगी।
जांच एजेंसियों से जानकारी मिलने वाले केसः अगर
सीबीआई, ईडी या किसी अन्य एजेंसी ने टैक्स चोरी से जुड़ी जानकारी दी है और आपने आईटीआर फाइल किया है, तो आपका केस भी स्क्रूटनी में जाएगा