भारत में पेंशन के तौर पर मिलने वाली रकम वरिष्ठ नागरिकों के लिए गुजारे लायक कतई नहीं है। इसका पता 43 देशों की समग्र पेंशन प्रणाली का अध्ययन करके तैयार की गई रैंकिंग से चलता है। इस रैंकिंग में भारत को 40वां स्थान दिया गया है। इसमें भी पेंशन के तहत मिलने वाली रकम की सूची में देश सबसे नीचे है।
मंगलवार को जारी 2021 मर्सर सीएफए ग्लोबल पेंशन इंडेक्स सर्वे (एमसीजीपीआइ) में कहा गया है कि सेवानिवृत्ति के बाद व्यक्ति को जीवन यापन के लिए पर्याप्त रकम मिल सके, इसके लिए सरकार को पेंशन प्रणाली में सुधार करना चाहिए। साथ ही असंगठित श्रमिकों तक पेंशन का दायरा बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है।
में कर्मचारियों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा का दायरा बहुत ही कम है। भारत में काम करने वाले अधिकांश कामगारों को पेंशन के लिए बचत का प्रबंधन स्वयं करना पड़ता है।
खास बात यह है कि देश में 90 प्रतिशत से अधिक कामगार असंगठित क्षेत्र में काम करता है। लेकिन ऐसे लोगों की आबादी मात्र छह प्रतिशत जो पेंशन के लिए रकम का इंतजाम खुद करते हैं। जिन देशों की पेंशन प्रणाली का अध्ययन किया गया है, उसमें भारत का समग्र सूचकांक 43.3 है।