शासन की सख्ती के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की हाजिरी का प्रमाण न भेजने वाले राजकीय महाविद्यालयों के 61 प्राचार्यों से लिखित स्पष्टीकरण तलब किया है।राजकीय महाविद्यालयों में अनुशासन से संबंधित शिकायतें मिलने के बाद यह बड़ा कदम उठाया गया है। इससे पहले निदेशालय ने प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में तैनात सभी शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की समय से उपस्थिति की पुष्टि के लिए उपस्थिति पंजिका की फोटो या पीडीएफ फाइल निदेशालय को प्रतिदिन विलंबतम 10.30 बजे तक अपलोड करने का निर्देश दिया था। इसके लिए सभी महाविद्यालयों को एक लिंक्स भी दिया गया था। समीक्षा बैठक में पाया गया कि 61 महाविद्यालयों द्वारा संबंधित लिंक पर उपस्थिति पंजिका की फोटो या पीडीएफ अपलोड नहीं किया जा रहा है।
निदेशालय ने इस लापरवाहीं पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए संबंधित प्राचार्यों व कार्यवाहक प्राचार्यों को दो दिनों के अंदर इ-मेल से अपना लिखित स्पष्टीकरण भेजने का निर्देश दिया है। यह भी कहा है कि स्पष्टीकरण प्राप्त न होने या संतोषजनक न पाए जाने पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निदेशालय के इस आदेश से राजकीय महाविद्यालयों में खलबली मची हुई है। हालांकि निदेशालय के इस पत्र से यह खुलासा भी हो गया कि राजकीय महाविद्यालयों में बायोमीट्रिक मशीनों से हाजिरी की व्यवस्था अभी तक नहीं शुरू हो पाई है, जबकि इसके लिए दिशा-निर्देश बहुत पहले ही जारी कर दिए गए थे। एक तरफ जहां विद्यार्थियों की बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था बनाए जाने की बात चल रही है तो दूसरी तरफ अभी शिक्षकों के लिए ही यह व्यवस्था अभी तक नहीं शुरू हो पाई है।