गोरखपुर : एक ही चेहरे के दो या अधिक वोटर, निर्वाचन आयोग के साथ ही प्रशासन और बीएलओ के लिए भी सिरदर्द बने हुए हैं। प्रदेश में ऐसे वोटरों की संख्या 22 लाख चिह्नित की गई है जबकि गोरखपुर में 60 हजार ऐसे नाम पाए गए हैं।
जिले में करीब पखवारे भर से चल रहे सत्यापन में अब तक 58 हजार लोगों की जांच हो चुकी है। अब भी 1987 नाम-फोटो जांचे जाने बाकी है। बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग की तरफ से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने जल्द सत्यापन कर इसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम (फाइनेंस) राजेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के भीतर वोटर लिस्ट में दर्ज कई फोटो दो या दो से अधिक वोटरों की फोटो से मिलान खा रहे हैं। आयोग ने इसे पीएसई (फोटो सिमिलर एंटी) नाम दिया है। आयोग की तरफ से तैयार विशेष साफ्टवेयर ने ऐसे वोटरों को चिह्नित किया है। इसके बाद सभी जिलों को इनका डाटा भेजा गया है और बीएलओ से सत्यापन कराकर कोई खामी पाए जाने पर उसे दुरुस्त करने को कहा गया है। बीएलओ मौके पर जाकर तीन स्तर से इसकी जांच कर रहे हैं।
जेंडर रेशियो सुधारने की चल रही कवायद
वोटर अभियान के दौरान यूथ के साथ-साथ महिलाओं को वोटर बनाने पर ज्यादा जोर है। जिले की वर्तमान आबादी के मुताबिक वोटरों की संख्या में महिलाओं की भागीदारी कम है। जिले का जेंडर रेशियों 944 की बजाए 845 है। जिले में इस समय 3513284 मतदाता हैं। इनमें 1925627 पुरुष, जबकि 1587657 महिला मतदाता हैं। वर्तमान में जिले की आबादी करीब 51 लाख 46 हजार होने का अनुमान है। युवाओं की संख्या भी बढ़ी है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय है प्रशासन
उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि ट्विटर पर @sveepgorakhpur नाम से एकाउंट बनाया गया है। इसपर 50 हजार फालोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यहां चुनाव, मतदाता पुनरीक्षण से जुड़ी सभी सूचनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसी तरह यू ट्यूब पर ‘सुनो गोरखपुर के नाम से चैनल बनाया गया है। यहां 10 हजार सब्सक्राइबर बनाने का लक्ष्य है।
इस चैनल पर प्रशासन की ओर से जागरूकता वाले वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। आम लोग भी मतदाता जागरूकता से जुड़े रुचिकर वीडियो इस चैनल पर डालने के लिए उपलब्ध करा सकते हैं। इसके साथ ही जिला निर्वाचन कार्यालय गोरखपुर का फेसबुक पेज भी बनाया गया है। यहां भी सभी सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने जिले के लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के इन सभी प्लेटफार्म से जुड़े ताकि वोटर अभियान को सफल बनाने के साथ ही मजबूत लोकतंत्र में हर कोई अपनी सहभागिता दर्ज करा सके।
शिक्षण संस्थानों को भी अभियान से जोड़ा जाएगा
यूथ को वोटर बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों में भी मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। विश्वविद्यालय, डिग्री कालेज एवं इंटर कालेज में 150 इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब (ईएलसी) बनाए जाएंगे। प्रत्येक ईएलसी का एक वाट्सएप ग्रुप होगा, इसमें उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार सिंह को भी जोड़ा जा सकेगा। इसी तरह 1350 अवेयरनेस फोरम (वीएएफ) का भी गठन होगा। सभी ग्राम पंचायतों, नगर निगम व नगर पंचायतों के वार्डों में इसका गठन होगा। कोविड काल में गठित निगरानी समितियों को ही इसमें परिवर्तित किया जाएगा और हर पीएएफ में 250 से अधिक लोगों को जोड़ा जाएगा।
कराई जाएगी चुनावी पाठशाला
उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालयों में 2500 चुनावी पाठशाला का गठन किया जाएगा। प्रत्येक पाठशाला के व्हाट्सएप ग्रुप होंगे। वोटर हेल्पलाइन एप (वीएचए) को भी 10 लाख लोगों के मोबाइल में डाउनलोड कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस एप के माध्यम से आसानी से मतदाता बना जा सकता है।