उत्तर प्रदेश में इस साल के मध्य में हजारों पदों पर निकली आंगनवाड़ी भर्ती से जुड़ी एक बड़ी महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। कई मीडिया रिपोर्टों में छपी खबर के मुताबिक, यूपी बाल विकास सेवा एवं पुष्टहार विभाग द्वारा हाल ही में 53 हजार पदों पर आयोजित की गई आंगनबा़ड़ी भर्ती को रद्द किया जा सकता है जो आवेदन वाले उम्मीदवारों के लिए बड़ा झटका है। जानकारी के मुताबिक, विभाग इस भर्ती को रद्द कर दोबारा नई भर्ती आयोजित करेगा। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में आंगनवाड़ी, मिनी-आंगनवाड़ी और आंगनवाड़ी सहायिका के 53,000 पदों पर निकाली गई भर्ती में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को आरक्षण देने का प्रावधान शामिल नहीं था जिसकी वजह से इस भर्ती को रद्द कर दोबारा आवेदन मांगे जाएंगे। नई आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के लिए जल्द ही आधिकारिक अधिसूचना जारी की जा सकती है।
प्रदेश भर में कितने हैं आंगनवाड़ी केंद्र
उत्तर प्रदेश में करीब 60 हजार ग्राम पंचायतें हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में जारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों की कुल संख्या 1.89 लाख के करीब बताई गई है। इन केंद्रों के संचालन के लिए लगभग चार लाख वर्कर्स की जरूरत है। ऐसे में जितने कर्मचारियों की कमी है उसे पूरा करने के लिए इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक बड़े पैमाने पर विभाग भर्ती का आयोजन करेगा।
कितनी जनसंख्या पर खोला जाता है एक आंगनवाड़ी केंद्र
आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना के लिए सामान्य दिशा-निर्देश जनसंख्या मानकों पर आधारित है। आमतौर पर ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में 400-800 जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र खोला जाता है और उसके बाद जनसंख्या अधिक होने पर 800 के गुणन में एक और केंद्र खोला जा सकता है। जनजातीय/ पहाड़ी इलाकों में 300-800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किया जाता है। इसके अलावा दूरदराज और कम आबादी वाले क्षेत्रों में लघु आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना के लिए भी प्रावधान है। इन केंद्रों के सुगम संचालन और देख-रेख के लिए प्रत्येक केंद्र में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाती है।