लखनऊ ग्रामीण अब अपने गांव में ही भूमि से जुड़े कागजात के साथ आय, जाति और निवास के प्रमाणपत्र आनलाइन हासिल कर सकेंगे। उन्हें अब ब्लाक, तहसील और जिला मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। साथ ही इन अभिलेखों को हासिल करने में ग्रामीणों का पैसा और समय भी बचेगा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ग्राम सचिवालय की शुरुआत करके सही मायने में पंचायतीराज व्यवस्था की परिकल्पना को साकार करने जा रही है। ग्राम सचिवालय में शासन की सभी योजनाओं की जानकारी और बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
ग्राम प्रधान के नेतृत्व में गठित इन ग्राम सचिवालय में सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश की सभी गांवों में पंचायत सहायक की तैनाती की गई है। सचिवालय में सचिव और बैंक सखी भी बैठेंगी। इनके जरिए ‘बैंक आपके द्वार’ का सपना साकार होगा। बैंक के प्रतिनिधि गांव में आकर ऋण व बचत से जुड़ी जानकारी और उसकी सुविधा देने के साथ ही खाता खोलने की सहूलियत भी मुहैया कराएंगे। अभी तक खेती-किसानी से जुड़ी जरूरतों के लिए किसानों को बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है। इससे बचने के लिए किसान कभी-कभी साहूकारों के चंगुल में फंस जाते थे।
गांव की संसद होंगे पंचायत भवन : पंचायत भवन गांव की संसद की तरह काम करेंगे। सरकार ने पहले चरण में 42478 पंचायत भवनों को उपहार दिया है। कुछ माह में ही सभी ग्राम पंचायतों के भवन होंगे। गांवों के विकास में सबसे बड़ी समस्या सचिव की अनुपलब्धता और पंचायत भवन के अभाव में एक छत के नीचे बैठक का न होना रहा है, चूंकि एक-एक सचिव के पास चार से पांच गांव का चार्ज होता है। लिहाजा व्यावहारिक दिक्कतें आती रही हैं। इसके लिए सरकार ने सीमावर्ती और परस्पर सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती का निर्णय लिया है। प्रदेश में 15000 क्लस्टर बनाए गये हैं।
पंचायत सहायक के रूप 58,189 को मिली नौकरी : ग्राम सचिवालय में सहयोग के लिए सरकार ने तय मानदेय पर सभी 58189 गांवों में मेरिट के आधार ग्राम पंचायत सहायक की नियुक्ति की है। पंचायत सहायक डाटा आपरेटर के रूप में कार्य करेंगे। पंचायत सहायक उसी गांव के निवासी हैं, लिहाजा वे गांव की स्थिति से भलीभांति वाकिफ होंगे।