उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने दसवीं, बारहवीं के बोर्ड एग्जाम से जुड़ी तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं। जानकारों का कहना है कि वर्ष 2021-22 की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी के अंत तक शुरू हो सकती हैं। इस एग्जाम में तकरीबन 53 लाख छात्र-छात्राओं के शामिल होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। हालांकि यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम है लेकिन फिर भी इस यूपी बोर्ड परीक्षा में अन्य बोर्ड की तुलना में सबसे अधिक विद्यार्थी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में इस परीक्षा को नकलविहीन बनाए रखना बोर्ड के लिए अपने आप में एक बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए बोर्ड की ओर से लगातार सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यूपीएमएसपी ने इसी कड़ी में एग्जाम सेंटर्स बनाए जाने वाले स्कूलों को लेकर भी सख्त रुख अपनाया है। परीक्षाकेन्द्रों को लेकर बोर्ड की ओर से साफ निर्देश जारी कर दिए हैं। यानी अबकी बार निर्धारित मानकों को पूरा करने वाले विद्यालयों को ही एग्जाम सेंटर्स के लिए चुना जाएगा।
किन स्कूलों को बनाया जाएगा परीक्षा केंद्र
यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के लिए 18 नवंबर 2021 को अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस जारी किया गया था । इस नोटिस के मुताबिक, केवल उन्हीं विद्यालयों को बोर्ड परीक्षा में एग्जाम सेंटर्स बनाया जाएगा जो बोर्ड के जरिए तय किए गए मानकों को पूरा करते होंगे। इन मानकों को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है।
केवल उन्हीं विद्यालयों को एग्जाम सेंटर्स बनाया जाएगा, जिनमें प्रश्नपत्रों एवं उत्तर पुस्तिकाओं को रखने के लिए स्ट्रॉंग रूम अनिवार्य रूप से होगा। इसके अलावा सीलिंग एवं पैकिंग रूम में वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा अवश्य लगा होना चाहिए।
विद्यालयों में मॉनिटरिंग के उद्देश्य से अलग कक्ष की व्यवस्था हो। इसके अलावा कैमरों को डीवीआर में रिकार्डिंग क्षमता कम से कम 30 दिनों तक की होनी अनिवार्य होगी। साथ ही स्कूलों में हाईस्पीड इंटरनेट मौजूद होना चाहिए।
परीक्षा केंद्र बनाए जाने के लिए स्कूलों में डबल-लॉक अल्मारियाँ, विद्यालय के चारों ओर सुरक्षित चहारदीवारी होनी चाहिए। इसके अलावा मुख्य प्रवेश द्वार पर लोहे के गेट की व्यवस्था होना अनिवार्य
एग्जाम सेंटर्स बनाए जाने के लिए स्कूल में अग्निशमन यंत्र, रेट से भरी बाल्टी की व्यवस्था जरूरी है। इसके अतिरिक्त पेयजल की सुविधा, मुख्य मार्ग, संपर्क मार्ग, न होने की दशा में विद्यालय को परीक्षा केंद्र के लिए उपयुक्त नहीं माना जाएगा।
विद्यालयों में दो दक्ष कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था, एक सम्पूर्ण कंप्यूटर सिस्टम व लाइट की व्यवस्था होनी अनिवार्य है। इसके अलावा पॉवर सप्लाई न होने पर स्कूल में जनरेटर का विकल्प मौजूद होना चाहिए।