स्वीकृत स्कूल अगले शैक्षणिक वर्ष से सैनिक स्कूल पाठ्यक्रम लागू करेंगे
Posted On: 21 JAN 2022 6:19PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप आगे बढ़ते हुए, भारत सरकार ने बच्चों को राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और विरासत, चरित्र, अनुशासन, भावना के साथ राष्ट्रीय कर्तव्य और देशभक्ति वाले प्रभावी नेतृत्व में गौरव विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए मूल्य-आधारित शिक्षा पर अधिक ध्यान देने का निर्णय लिया है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सैनिक स्कूलों के वर्तमान स्वरूप में बदलाव के रूप में रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल समिति के अधीन संबद्ध सैनिक स्कूलों को शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। ये स्कूल एक विशिष्ट कार्यक्षेत्र के रूप में काम करेंगे जो रक्षा मंत्रालय के वर्तमान सैनिक स्कूलों से भिन्न्नता एवं विविधता लिए हुए होंगे। पहले चरण में राज्यों/गैर-सरकारी संगठनों/निजी भागीदारों से 100 संबद्ध भागीदारों को इसमें शामिल करना प्रस्तावित है।
इस योजना का उद्देश्य पूरे देश में इच्छुक छात्रों के बड़े वर्ग को सैनिक स्कूलों के समान शिक्षा प्रदान करना है। सैनिक स्कूल समिति ने ऐसे उन सभी आवेदक स्कूलों को आवेदन पत्र भेज दिए हैं जिन्होंने 15 जनवरी 2022 तक खुद को पंजीकृत करवाया है । आवेदन पत्र 21 जनवरी 2022 तक ऑनलाइन प्रारूप के माध्यम से भरकर सैनिक स्कूल सोसाइटी के पास वापस जमा कराना आवश्यक है। अब तक 194 स्कूल https://sainikschool.ncog.gov.in पर “पंजीकृत” किए जा चुके हैं।
इसके बाद जिला स्तर पर स्कूल मूल्यांकन समिति द्वारा स्कूलों का मूल्यांकन किया जाएगा और जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह तक सैनिक स्कूल समिति को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। मूल्यांकन समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे:
(क) अध्यक्ष के रूप में जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर
(ख) उसी जिले में स्थित नवोदय विद्यालय संगठन/केन्द्रीय विद्यालय संगठन के प्रधानाचार्य
(ग़) निकटतम सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य
सैनिक स्कूल समिति द्वारा अनुमोदित स्कूल अगले शैक्षणिक वर्ष यानी अप्रैल 2022 में कक्षा 6वीं ओर उससे आगे के लिए सैनिक स्कूल पाठ्यक्रम और उसकी गतिविधियों का पालन करना शुरू कर देंगे। शिक्षकों के प्रशिक्षण, खेलकूद और अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधियों सहित स्कूल प्रबंधन के अन्य पहलुओं के बारे में अनुमोदित स्कूलों को अलग से सूचित किया जाएगा।
नए सैनिक स्कूलों द्वारा ‘एक स्कूल एक खेल’ के सिद्धांत को भी लागू किया जाएगा ताकि उस राज्य के लिए कम से कम एक खेल गतिविधि पर ध्यान केंद्रित किया जा सके जहां स्कूल स्थित है ।
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