लखनऊ। एक अप्रैल यानी शुक्रवार से नया वित्तीय वर्ष 2022-23 शुरू होने जा रहा है। इस दिन से कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। नागरिकों के लिए कई नई व्यवस्थाएं शुरू होंगी तो वहीं कई सुविधाओं जैसे बैंकिंग, पीएफ, जीएसटी आदि के नियमों में बदलाव भी होंगे। इनका असर हमारी कमाई, खर्च और निवेश पर पड़ेगा। आइये जानते हैं इन 10 बड़े बदलावों के बारे में जो आपकी जेब पर असर डालेंगे-
1. पीएफ खाते पर टैक्स : केंद्र सरकार एक अप्रैल से नए आयकर कानूनों को लागू करने जा रही है। मौजूदा पीएफ अकाउंट को दो भागों में बांटा जा सकता है, जिस पर टैक्स भी लगेगा। नियम के मुताबिक, ईपीएफ खाते में ढाई लाख रुपये तक टैक्स फ्री योगदान का कैप लगाया जा रहा है। यदि इससे ऊपर योगदान किया तो ब्याज पर टैक्स लगेगा। सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ में टैक्स फ्री योगदान की सीमा पांच लाख रुपये सालाना है।
2. पोस्ट आफिस के नियम : डाक घरों यानी पोस्ट आफिस की छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए जरूरी बदलाव होने जा रहे हैं। एक अप्रैल से पोस्ट आफिस मंथली इनकम स्कीम, सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम और टर्म डिपाजिट काउंट्स पर ब्याज का पैसा सेविंग खाते में ही मिलेगा। पोस्ट आफिस जाकर कैश में ब्याज का पैसा नहीं ले सकते। सेविंग खाते से लिंक कराने पर ब्याज ट्रांसफर हो जाएगा।
3. म्यूचुअल फंड में निवेश के नियम : अब म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए भुगतान चेक, बैंक ड्राफ्ट या अन्य किसी भौतिक माध्यम से नहीं कर पाएंगे। दरअसल, म्यूचुअल फंड ट्रांजेक्शन एग्रीगेशन पोर्टल एमएफ यूटिलिटीज (एमएफयू) 31 मार्च 2022 से चेक-डीडी आदि के जरिये भुगतान सुविधा बंद करने जा रहा है। अब एक अप्रैल से म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने के लिए सिर्फ यूपीआई अथवा नेटबैंकिंग के जरिये ही भुगतान करना होगा।
4. इन बैंकों के नियमों में बदलाव : एक अप्रैल से एक्सिस बैंक के सैलरी या सेविंग अकाउंट पर नियम बदल जाएंगे। बैंक ने बचत खाते में मिनिमम बैलेंस की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दी है। एक्सिक बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक बैंक ने फ्री कैश ट्रांजैक्शन की निर्धारित सीमा को भी बदलकर चार फ्री ट्रांजैक्शन या 1.5 लाख रुपये कर दिया है। वहीं, अप्रैल में पंजाब नेशनल बैंक पीपीएस को लागू कर रहा है। चार अप्रैल से 10 लाख व उससे अधिक के चेक के लिए वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
5. जीएसटी का नियम सरल : केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने माल और सेवा कर (जीएसटी) के तहत ई-चालान जारी करने के लिए टर्नओवर सीमा को पहले तय सीमा 50 करोड़ रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया है। यह नियम भी एक अप्रैल 2022 से लागू हो जा रहा है।
6. बढ़ सकते रसोई गैस के दाम : हर महीने की तरह ही अप्रैल के पहले दिन भी गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव हो सकता है। इन दिनों पेट्रोल डीजल और एलपीजी के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल में एक बार फिर गैस सिलेंडर के दामों में वृद्धि की जा सकती है।
7. दवाओं पर होगा ज्यादा खर्च : पेन किलर, एंटीबायोटिक्स, एंटी-वायरस समेत जरूरी दवाओं की कीमतें एक अप्रैल से बढ़ने वाली हैं। सरकार ने शेड्यूल दवाओं के लिए 10 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी की अनुमति दी है। भारत की ड्रग प्राइसिंग अथारिटी ने शेड्यूल दवाओं के लिए कीमतों में 10.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की अनुमति दे दी है, जिसके बाद अब 800 से ज्यादा दवाओं की कीमत बढ़ेगी।
8. घर खरीदने पर अब ज्यादा टैक्स : केंद्र सरकार पहली बार घर खरीदने वालों को धारा 80EEA के तहत टैक्स छूट का फायदा देना बंद करने जा रही है। 2019-20 के बजट में 45 लाख रुपये तक का घर खरीदने वालों को होम लोन पर अतिरिक्त 1.50 लाख आयकर लाभ की घोषणा की गई थी। बाद में बजट 2020 और 2021 में इस सुविधा को एक्सटेंड कर दिया गया था, लेकिन इस बार बजट में नए वित्त वर्ष 2022-23 से इस सुविधा को एक्सटेंड नहीं किया गया है। ऐसे होमबायर्स को अगले वित्त वर्ष 2022-23 से ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
9. वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्पेशल एफडी बंद : सीनियर सिटीजंस के लिए कोविड महामारी के दौरान स्पेशल एफडी योजना की शुरुआत विभिन्न बैंकों ने की थी। इस योजना के तहत सीनियर सिटीजन को एफडी पर ज्यादा फायदा मिल रहा है। अब कुछ बैंक इस योजना को बंद कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए दो साल से चल रही इस स्पेशल स्कीम्स को एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा समाप्त कर सकते हैं क्योंकि इन बैंकों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्पेशल एफडी योजना की समय सीमा को विस्तार की घोषणा नहीं की है।
10. क्रिप्टोकरेंसी पर लागू नया नियम : एक अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाले टैक्स नियम भी शामिल हैं। हालिया बजट में वित्त मंत्री ने कहा था कि सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट या क्रिप्टो एसेट पर 30 परसेंट टैक्स लगेगा, अगर उसे बेचने पर फायदा होता है। इसके अलावा, जब-जब कोई क्रिप्टो एसेट बेचा जाएगा, तब-तब उसकी बिक्री का एक प्रतिशत टीडीएस कटेगा।