लखनऊ उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2021 का परिणाम जारी करने में गड़बड़ी की शिकायतें सही मिली हैं। शासन ने जांच रिपोर्ट मिलने के बाद परीक्षा परिणाम का फिर से मूल्यांकन कराने का निर्णय लिया है। परीक्षा संस्था के सचिव को भर्ती परिणाम का पुनर्मूल्यांकन करके संशोधित रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया गया है।
एडेड जूनियर हाईस्कूल में 1504 सहायक अध्यापक व 390 प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त रहे हैं। इन पदों पर भर्ती की लिखित परीक्षा 17 अक्टूबर को कराई गई थी और उसका परिणाम 15 नवंबर 2021 को जारी हुआ। कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव से लेकर शासन तक प्रत्यावेदन दिया कि उन्हें सही अंक नहीं मिले हैं, ओएमआर शीट के मूल्यांकन में गड़बड़ी की गई है। अभ्यर्थियों ने साक्ष्य के रूप में ओएमआर शीट की कार्बन कापी भी संलग्न की। अफसरों की ओर से जवाब न मिलने पर हाईकोर्ट में बड़ी संख्या में याचिकाएं हुई और कोर्ट ने इस पर जवाब मांगा।
शासन ने इस मामले में 14 अप्रैल को आदेश दिया कि भर्ती परीक्षा की मूल ओएमआर शीट कोठार में रखी गई हैं। उसके ताले की चाभी तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय के पास है, जो यूपीटीईटी में पेपर लीक होने के कारण गिरफ्तार हुए और जेल में निरुद्ध हैं।
विशेष सचिव बेसिक शिक्षा ने अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदनों का परीक्षण कराने के लिए समिति गठित करके कोठार खुलवाने का निर्देश दिया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने प्रत्यावेदनों के परीक्षण के लिए आंतरिक समिति गठित करके आरोपों की जांच की। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज उप्र ने 28 अप्रैल को जांच रिपोर्ट शासन को भेजी।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि भर्ती परीक्षा के परिणाम पर 571 शिकायतें मिली उनका मैनुअल मिलान करने पर 132 शिकायतें सही पाई गईं, यानी अभ्यर्थियों को तय अंक से कम मिले हैं। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को भेजे पत्र में लिखा है कि शासन ने निर्णय लिया है कि अपने स्तर से आंतरिक समिति गठित करते हुए पूरे परीक्षा परिणाम का पुनर्मूल्यांकन कराया जाए और संशोधित परीक्षा परिणाम तत्काल घोषित किया जाए।
2.72 लाख अभ्यर्थी फिर कसौटी पर : एडेड कालेजों की प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2021 में दो लाख 72 हजार 380 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे। प्रधानाध्यापक के 390 पदों के लिए 1722 व सहायक अध्यापक के 1504 पदों के लिए 45,257 अभ्यर्थी सफल हुए थे। उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को बेसिक शिक्षा निदेशालय मेरिट के आधार पर संबंधित विद्यालयों में नियुक्ति कराता लेकिन उसके पहले ही परीक्षा परिणाम पर सवाल उठे और अब वे जांच में सही मिले हैं। ऐसे में पूरा परिणाम फिर से जांचा जा रहा है।
68500 और 69000 शिक्षक भर्ती में गड़बड़ियां उजागर : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उत्तर प्रदेश प्रयागराज इसके पहले 68500 शिक्षक भर्ती में उत्तर पुस्तिकाओं के गलत मूल्यांकन में घिर चुका है, प्रत्यावेदन लेकर लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया गया, जिसमें करीब साढ़े चार हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे। इसके बाद 69000 शिक्षक भर्ती में बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को चयनित करने में गड़बड़ी की। 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी हो चुकी है, जो इन दिनों न्यायालय में विचाराधीन है। इसमें किसी अभ्यर्थी का जिला आवंटन व नियुक्ति नहीं हो सकी है।