केस – 1
मंडलीय कार्यालय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) बरेली में कार्यरत उर्दू अनुवादक/सह वरिष्ठ लिपिक असलम अंसारी का तबादला 28 जून को मंडलीय उप शिक्षा निदेशक (मा.) बरेली दफ्तर में किया गया था। 5 जुलाई को जब नए तैनाती कार्यालय में पहुंचे तो वहां पद सृजित न होने के कारण कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया। तब से वे बिना वेतन हैं और शिकायतें करते जा रहे हैं लेकिन कुछ नहीं हो रहा।
केस – 2
डीआईओएस कार्यालय अलीगढ़ में तैनात रहे राजेंद्र कुमार भटनागर की सेवानिवृत्ति सात महीने बाद जुलाई 2023 में होनी है। उनका तबादला शासनादेश की व्यवस्था के विपरीत 65 किलोमीटर दूर रेवती गोयल राजकीय इंटर कॉलेज जट्टारी अलीगढ़ में कर दिया गया था। नियमों व पत्नी की बीमारी का हवाला देकर निवेदन के बावजूद उनके तबादले में संशोधन नहीं किया गया।
केस – 3
वरिष्ठ सहायक अनिल गुप्ता का तबादला संशोधित करके जिला विद्यालय निरीक्षक गाजीपुर कार्यालय से राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गहमर किया गया है, जबकि वहां पर पहले से ही अरविंद श्रीवास्तव वरिष्ठ सहायक पद पर कार्यरत हैं।
केस-4
बीएसए कार्यालय बलिया में तैनात ब्रजेश सिंह का तबादला जीजीआईसी में किया गया था जबकि जीआईसी में होना चाहिए था। वह इस संशोधन के लिए परेशान हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही…
शिक्षा विभाग में समूह ग कर्मियों के तबादलों में हुईं गड़बड़ियां सुधारने की प्रक्रिया पर रार दूर नहीं हो रही है। दो-दो बार जांच करके करीब सवा सौ से अधिक तबादलों में संशोधन हो चुके हैं। दो अधिकारियों व कई बाबुओं पर कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन गड़बड़ियां की शिकायतें दूर नहीं हो रहीं। सेवानिवृत्त व दिव्यांग कर्मचारी भी शासनादेश के विरुद्ध हुए तबादले निरस्त कराने की गुहार लगा रहे हैं।
ऐसे प्रकरणों का खुलासा बीती 4 नवंबर को दूसरी संशोधित तबादलों की सूची जारी होने के बाद हुआ। यूपी एजुकेशनल मिनिस्टीरियल ऑफीसर्स एसोसिएशन केप्रांतीय महामंत्री राजेश चंद्र श्रीवास्तव के अनुसार ये स्थिति सिर्फ विभाग की मनमानी के कारण है।
जुलाई से तबादलों की गड़बड़ियां चिह्नित करके शिकायती पत्र दिए गए हैं। खुद विभाग के मंडलीय अधिकारियों ने कमियां आगे बढ़ाई हैं, लेकिन उनकी जांच नहीं हो रही। आश्वासन के बावजूद एसोसिएशन से कभी इन गड़बड़ियों पर चर्चा तक नहीं की गई। ये गलतियां सुधारने में भी अधिकारी मनमानी कर रहे हैं।
कई आपत्तियां अनुचित, कई पर मांगा है जवाब : अनिल भूषण
अपर शिक्षा निदेशक बेसिक अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि तबादलों की गड़बड़ियां बहुत गहनता से परीक्षण के बाद दूर की गई हैं। बरेली जैसा कोई केस बचा है तो इसकी समय से सूचना नहीं मिली।
इसके लिए मंडलीय अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा। बाकी आपत्तियां जबरन की जा रही हैं। गहमर में पद रिक्त न होने की जो बात सामने आ रही है, वहां डीआईओएस की रिपोर्ट पर तबादला किया गया है।