लखनऊ। ये उदाहरण तो सिर्फ बानगी हैं। वर्षों के इंतजार के बाद परिषदीय शिक्षकों की शुरू की गई वरिष्ठता निर्धारण प्रक्रिया में खामियों की भरमार है। हालत यह है कि जिलों में जारी अनंतिम वरिष्ठता सूची में तय नियमों का ही पालन नहीं हुआ है।
चयन सूची शिक्षक के मौलिक नियुक्ति के समय चयन गुणांक व नियुक्ति तिथि के आधार पर बननी थी। दो शिक्षकों में ये मानक एक समान होने पर जन्मतिथि के आधार पर वरिष्ठता तय की जानी थी, लेकिन कुछ जिलों में इसकी अनदेखी कर नियुक्ति तिथि के आधार पर वरिष्ठता सूची तैयार कर दी गई है। कुछ जिलों में सूची से शिक्षकों के नाम ही गायब हैं, तो कई जगह एक ही नाम कई बार हैं। इन विसंगतियों से शिक्षकों में रोष है। क्योंकि वरिष्ठता सूची के आधार पर ही शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पूरी होनी है।
विभाग ने वरिष्ठता सूची की ऐसी ही कमियों पर आपत्ति लेने की तिथि दोबारा बढ़ाकर 16 से 23 मार्च की है, लेकिन शिक्षकों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। बुलंदशहर में शिक्षकों ने नियुक्ति तिथि में गड़बड़ी, बाराबंकी में शिक्षकों ने नाम व जन्मतिथि में गड़बड़ी, सीतापुर व फतेहपुर में प्रथम नियुक्ति को आधार न मानने आदि की शिकायतें हैं। शिक्षक संगठनों ने आशंका जताई है कि कहीं इस बार की कवायद खामियों की भेंट न चढ़ जाए।
कई जिलों में सूची ही नहीं अपलोड हुई
कई जिलों में अपलोड की गई वरिष्ठता सूची में खामियां हैं तो देवरिया, शामली, भदोही, सिद्धार्थनगर, बहराइज, कौशांबी, सोनभद्र, बरेली, चंदौली में सूची ही नहीं अपलोड हुई है। इस वजह से सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल की ओर से सूची अपलोड करने की तिथि तीसरी बार 21 मार्च तक बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा है कि आपत्ति दर्ज करने से संबंधित सूचना अलग से दी जाएगी।
केस -1
आगरा में शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में कई शिक्षकों के नाम एक से अधिक बार हैं और गलत भी हैं। सैंया ब्लॉक के 15 शिक्षकों की नियुक्ति तिथि सितंबर है, लेकिन सूची में जनवरी, अप्रैल व जून लिखा है। इससे उनकी वरिष्ठता प्रभावित होगी।
अक्षय कुमार
केस -2
रायबरेली के शिक्षकों का वरिष्ठता सूची का इंतजार खत्म नहीं हुआ। शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तो बन गई है, लेकिन इसे पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं किया गया है। इससे शिक्षक आपत्ति नहीं दर्ज करा पा रहे हैं।
केस -3
बलरामपुर में पांच हजार शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी करने का दावा विभाग कर रहा है। लेकिन शिक्षकों का कहना है कि पोर्टल पर सूची खुल ही नहीं रही है। तिथि बढ़ाने के बाद भी शिक्षक इस पर अपनी आपत्ति नहीं दर्ज करा पा रहे हैं।