लखनऊ : केंद्र सरकार के द्वारा दो राष्ट्रीकृत बैंकों का निजीकरण किये जाने के फैसले के विरोध में देश भर के 11 लाख कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। इनमें 9.34 लाख राष्ट्रीयकृत बैंक एवं 1.66 लाख ग्रामीण बैंक के कर्मचारी शामिल हैं। ये कर्मचारी 16 एवं 17 दिसंबर को लखनऊ सहित देश भर हड़ताल करेंगे, जिससे 1.18 लाख शाखाओं में तालाबंदी रहेगी।
इस हड़ताल के सिलसिले में मंगलवार को प्रेसवार्ता में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के पदाधिकारी अखिलेश मोहन, पवन कुमार एवं दीप बाजपेयी ने संयुक्त रूप से बताया कि दो दिन की हड़ताल से यूपी की बैंकों में 1200 करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित होगा।
लखनऊ में हड़ताल के पहले दिन 16 दिसंबर को स्टेट बैंक की मुख्य शाखा एवं दूसरे दिन 17 दिसंबर को इंडियन बैंक (पूर्व में इलाहाबाद बैंक) हजरतगंज के समक्ष 900 बैंकों के अधिकारी एवं कर्मचारी प्रदर्शन करके सभा करेंगे। प्रेसवार्ता में संयोजन अनिल श्रीवास्तव एवं मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी आदि ने भी शिरकत की।
कॉर्पोरेट घरानों की 157 लाख करोड़ के डिपॉजिट पर नजर
यूनियंस के पदाधिकारियों का आरोप कि कॉर्पोरेट घरानों की जनता की गाढ़ी कमाई के 157 लाख करोड़ रुपये जो राष्ट्रीकृत बैंकों के डिपॉजिट पर नजर है। बैंकों के निजीकरण से ये कॉर्पोरेट घराने इस डिपॉजिट की रकम का मनमाने तरीके से ऋण ले सकेंगे।
नेताओं ने कहा कि बैंकों के निजीकरण से उनका वेतन कम नहीं होगा। मगर, जो गरीब किसान एवं मजदूर अभी तीन से चार प्रतिशत रेट पर ऋण पा जाते, वह बंद हो जाएगा। ऐसे गरीब किसान व मजदूर निजी बैंक के परिसर तक नहीं भटक सकेंगे।