Home PRIMARY KA MASTER यूपी के लाखों राज्य कर्मचारी और पेंशन भोगी पा सकेंगे कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ, वहीं अनदेखी का शिकार होते बेसिक शिक्षक : आरएसएम

यूपी के लाखों राज्य कर्मचारी और पेंशन भोगी पा सकेंगे कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ, वहीं अनदेखी का शिकार होते बेसिक शिक्षक : आरएसएम

by Manju Maurya

जीवन की अनदेखी से आक्रोशित बेसिक शिक्षक :आरएसएम
यूपी के लाखों राज्य कर्मचारी और पेंशन भोगी पा सकेंगे कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ, वहीं अनदेखी का शिकार होते बेसिक शिक्षक

प्रश्न उठना वाजिब है यदि राज्य सरकार की सभी योजनाओं को कार्यान्वित कराने के लिए, चुनाव ड्यूटी में पूरा सहयोग करने के लिए कोविड महामारी में डोर टू डोर सर्वे हो या अन्य प्रकार की कोई भी अनवरत ड्यूटी सभी में सरकार का पूरी तरह साथ देने वाले बेसिक शिक्षक क्या कभी बीमार नहीं पड़ते?? यदि राज्य कर्मचारियों की भांति बेसिक शिक्षक भी गंभीर बीमारियों के शिकार होते हैं तो क्या उन्हें किसी बीमा सुविधा के तहत कवर किया गया है यदि नहीं तो फिर कैशलेस इलाज योजना में उन्हें शामिल क्यों नहीं किया गया?
चुनाव के पहले होने वाली घोषणा है यदि वोट बैंक की राजनीति होती है तो क्या उत्तर प्रदेश के आठ लाख बेसिक शिक्षक और उनके परिवार के वोट का कोई महत्व नहीं है।एक शिक्षक के पीछे उसके माता-पिता पत्नी और बच्चे यानी कि न्यूनतम 5 वोट क्या उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई महत्व नहीं रखते।
उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में दिनांक 21 दिसंबर 2021 को लिए गए निर्णय में केवल राज्य कर्मचारी व पेंशनर को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा दी गई है।
एक तरफ जहां कोविड महामारी से पूरा देश ग्रसित है गांव के दूरदराज विद्यालयों में पढ़ाने वाले बेसिक शिक्षक व कर्मचारी सार्वजनिक संसाधनों का प्रयोग करते हुए दूरदराज की यात्रा करते हैं लगातार विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित कराने के लिए गांव का भ्रमण करते हैं और आए दिन संक्रमण की चपेट में आकर कोविड महामारी की भेंट भी चढ़ जाते हैं और राज्य भी सुरक्षा की गारंटी देता है तो फिर चिकित्सा सुविधा देने में सौतेला निर्णय आखिर क्यों??
सर्वविदित है मौजूदा व्यवस्था के तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों को अभी तक सरकारी हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज या प्राधिकृत संविधाकृत अस्पतालों में फ्री ट्रीटमेंट की सुविधा थी। इलाज पर जो भी खर्च आता था, वह राज्य सरकार चुकाती थी। नई व्यवस्था के बाद उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी, जिसका मतलब है कि उन्हें न तो पहले पेमेंट करना होगा और न ही प्रतिपूर्ति के खोखट का सामना करना होगा। वैसे, कैशलेस के साथ मौजूदा व्यवस्था भी जारी रहेगी।अब आयुष्मान योजना की तर्ज पर कर्मचारियों को भी 5 लाख रुपये तक की कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकती है तो फिर बेसिक शिक्षक और बेसिक शिक्षा के कर्मचारियों को यह सुविधा क्यों नहीं दी जा सकती??
चुनावी वर्ष में सरकार को अपनी नीतियों पर मनन करना चाहिए कहीं एक चूक भारी वोट की राजनीति में अनियमितता का कारण तो बनती नहीं दिख रही इस बात पर विचार करना चाहिए। उत्तर प्रदेश के सभी कर्मचारियों को फिर वह राज्य कर्मचारियों ,बेसिक शिक्षा के कर्मचारियों सभी को चिकित्सा बीमा तथा निशुल्क चिकित्सा के लिए कार्ड की सुविधा दी जानी चाहिए ताकि यदि कोई विपरीत परिस्थिति आती है और एक साथ किसी गंभीर बीमारी का शिकार कर्मचारी होता है तो उसे किसी के आगे भीख मांगने अथवा ब्याज पर पैसा उधार लेने पर मजबूर ना होना पड़े।
बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी संगठनों में इस अन्याय के प्रति एक तरफ जहां दुःख व्याप्त है वहीं अनियमितता का शिकार हमेशा बनाए जाने के प्रति रोष भी व्याप्त है। राज्य सरकार से विभिन्न संगठन एक बार पुनः अनुरोध करना चाहते हैं कि बेसिक शिक्षा विभाग भी इस कैशलेस योजना के अंतर्गत लाया जाए । बेसिक शिक्षकों के पास इतनी संपत्ति नहीं होती कि वह गंभीर बीमारी की स्थिति में महंगे प्राइवेट अस्पतालों में अपना तथा अपने परिवार का इलाज करा सके कई बार गंभीर बीमारी का शिकार होने पर नई पेंशन से आच्छादित शिक्षक बैंक तथा ब्याज देने वालों से पैसा उधार लेकर अपना और अपने परिवार का इलाज कराने को मजबूर हैं और इस तरह वह ताउम्र कर्ज के बोझ के तले दबा रहता है कई बार तो सही समय पर पैसा ना मिलने पर अपने जीवन को संकट में डालते हुए जीवन से हाथ भी धोना पड़ता है। कई बार परिवार के सदस्यों को खोना भी पड़ता है। गांव के एक आम आदमी को भी बीमा कवर और चिकित्सा कार्ड की सुविधाएं दी गई हैं फिर दोगला व्यवहार सिर्फ और सिर्फ बेसिक शिक्षकों के साथ ही सरकार क्यों कर रही है? इस गम्भीर प्रकरण पर नीतिनियन्ताओं को सोचना चाहिए।
राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को कार्ड दिया जाएगा उसी तरह बीमा कवरेज के साथ बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को भी कार्ड मुहैया कराया जाए।जिसके जरिए वे अपना इलाज करा सकेंगे,इलाज का खर्च बीमा कंपनी देगी जिससे कर्मचारी का परिवार आर्थिक तंगी के चक्रव्यूह में फंसने से बच जाएगा, बीमा देने वाली कंपनी का राज्य सरकार के साथ करार होगा।

 कोविड महामारी में हमने देखा कि बेसिक शिक्षा विभाग के हजारों कर्मचारी बिना इलाज और पैसे के अभाव में अपने जीवन को दांव पर लगा रहे थे। यदि उन्हें भी एसजीपीजीआई लखनऊ, डा. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई, केजीएमयू लखनऊ और ऐसे अन्य समान सरकारी पोषित संस्थानों में उपचार के लिए बेसिक शिक्षक व कर्मचारी को प्रवेश की इजाजत भी नहीं है इलाज कराना तो बहुत दूर की बात है। चिकित्सा हेतु प्रायः बेसिक शिक्षा परिषद के कर्मचारियों को प्राइवेट अस्पतालों और संस्थानों का सहारा ही लेना पड़ता है। जहां इलाज के नाम पर गला काटने की प्रतियोगिता प्रत्येक समय चलती रहती है यह आप और हम सभी जानते हैं।
   एक ही राज्य में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को अपने जीवन में किसी दुर्घटना अस्वस्थता के प्रति समान सुविधा दी जाए तो शायद कर्मचारी पूर्ण मनोयोग से राज्य को अपना सम्पूर्ण डेडिकेशन दे पाएंगे क्योंकि उन्हें पता है कि उनका जीवन और उनके परिवार की सुरक्षा बीमा कवर के अंतर्गत सुरक्षित है।
    पिछले कई वर्षों से बेसिक शिक्षा विभाग में बीमा के नाम पर भी ₹87 मात्र काटे जा रहे हैं वह भी किस बीमा कंपनी में निवेश किए जा रहे हैं इसका भी कर्मचारियों को कोई लेखा जोखा नहीं दिया जाता ।वित्त नियंत्रक से लेकर विभिन्न पायदान में बैठे हुए पदाधिकारी अपना अपना पल्ला झाड़ देते हैं।
और ऐसी स्थिति में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक खुद को ठगा हुआ और अन्याय का शिकार हुआ महसूस कर रहे हैं।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ सरकार का ध्यान इस विकट समस्या की ओर दिलाने का प्रयास समय-समय पर करता रहा है और अभी भी आशा की जाती है कि शायद आचार संहिता के पहले सरकार इस दोगली नीति के प्रति हो रहे अन्याय से बेसिक शिक्षकों की रक्षा कर सकें।

Related Articles

PRIMARY KA MASTER NOTICE

✍नोट :- इस ब्लॉग की सभी खबरें Google search से लीं गयीं, कृपया खबर का प्रयोग करने से पहले वैधानिक पुष्टि अवश्य कर लें, इसमें BLOG ADMIN की कोई जिम्मेदारी नहीं है, पाठक ख़बरे के प्रयोग हेतु खुद जिम्मेदार होगा!

PRIMARY KA MASTER

PRIMARY KA MASTER | primary ka master current news | primarykamaster | PRIMARY KA MASTER NEWS | primarykamaster news | up primary ka master | primary ka master | up ka master | uptet primary ka master | primary ka master com | प्राइमरी का मास्टर | basic siksha news | upbasiceduparishad |up basic news | basic shiksha parishad | up basic shiksha parishad | basic shiksha | up basic shiksha news | basic shiksha parishad news | basic news | up basic shiksha | basic shiksha news today | बेसिक शिक्षा न्यूज | बेसिक शिक्षा समाचार |basicshikshakparivar| basic shikshak parivar | basic shiksha samachar | basic ka master | basic shiksha com | up basic education news | basic shiksha vibhag | up basic shiksha latest news | Basicshikshak | up basic shiksha parishad news | uptet news | uptet latest news | uptet help | uptet blog | up tet news| updatemarts | update mart | SUPER TET | uptet latest news | uptetnews | www updatemarts com| updatemartsnews | ctet | d.el.ed | updeled | tet news | gurijiportal | upkamaster | basicshikshakhabar | primarykateacher | Shikshamitra | up shiksha mitra | shikhsa mitra news | govtjobsup | rojgarupdate | sarkari results | teachersclubs | sarkari master | sarkariresults| shasanadesh | tsctup |basicmaster | Basicguruji | sarkari rojgar

© Basic Shiksha Khabar | PRIMARY KA MASTER | SHIKSHAMITRA | Basic Shiksha News | UpdateMarts | Primarykamaster | UPTET NEWS

icons8-whatsapp-96