वाराणसी। बच्चे कक्षा छह की हिंदी की पुस्तक मल्हार में अक्कड़-बक्कड़ से लेकर बनारसी पान और बाटी-चोखा को भी पढ़ेंगे। तीज-त्योहार के साथ यहां के कठघोड़वा, धोबिया नृत्य और रासलीला-रामलीला के बारे में भी जानेंगे। पुस्तक में साहित्यकारों के साथ क्रांतिकारियों के नामों का भी उल्लेख मिलेगा।
एनसीईआरटी की कक्षा 6 से 8 तक की हिंदी व संस्कृत

की पुस्तकों को उत्तर प्रदेश में भी लागू करने की तैयारी है।
राज्य हिंदी संस्थान को उत्तर प्रदेश शैक्षिक परिदृश्य
आवश्यकताओं और परिवेश अनुरूप इसमें बदलाव करने की
जिम्मेदारी मिली है। इसलिए इसमें संस्कृति, कला व त्योहार
- हर विद्यालय का अपना बैंड, कला उत्सव भी होगा
- बाबू ने शिक्षिका को छेड़ा ब्लैकमेल कर धमकी दी
- 123 स्कूलों के बच्चे पढ़ने के लिए जाएंगे दूसरी जगह, भड़के शिक्षक
- स्कूलों के विलय के अपने-अपने मानक, छात्रों की संख्या तय ही नहीं, बीएसए जिलों में अपने हिसाब से ले रहे निर्णय
- नौकरियां न देनी पड़ें, इसलिए स्कूल बंद कर रही सरकार : अखिलेश
आदि को जोड़ा जा रहा है। संस्थान की निदेशक चंदना रामइकबाल यादव ने बताया कि इसपर कार्यशालाओं व संगोष्ठियों में मंथन चल रहा है। विभिन्न जिलों के डायट प्रवक्ता व माध्यमिक विद्यालयों के हिंदी के शिक्षकों के बीच चर्चा के बाद बदलाव किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अगले माह तक इसे उत्तर प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद लखनऊ को भेजा जाएगा।