उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में, एक ग्रामीण ने अधिकारियों से न्याय की मांग करने का अनूठा तरीका अपनाया। वह कटोरा लेकर एसडीएम के सामने पहुंचा और लेखपाल द्वारा जारी किए गए गलत आय प्रमाण पत्र की शिकायत की। ग्रामीण ने एसडीएम नागेंद्र पांडेय से न्याय की गुहार लगाई। नौ महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर, एसडीएम नागेंद्र पांडेय ने लेखपाल को निलंबित कर दिया और मामले की जांच तहसीलदार को सौंप दी।

- प्रभारी बीएसए प्रयागराज श्री देवव्रत सिंह जी.. देखें आदेश
- विद्यालय विलय पर अमेरिका (ग्राम प्रधान)ने किया विरोध , ठीक इसी प्रकार सभी ग्राम प्रधानों को विरोध करना चाइये
- जुलाई से हर शनिवार को खुलेगा सुप्रीम कोर्ट
- परिषदीय विद्यालयों में बढ़ेगी आईसीटी लैब व स्मार्ट क्लास
- अंशकालिक शिक्षक के लिए आवेदन 20 तक
बीसलपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नागीपुर अखौला के निवासी बादाम सिंह पुत्र पातीराम के तीन बीघा जमीन होने के बावजूद, तत्कालीन हल्का लेखपाल ललित मोहन ने उनकी 51 हजार वार्षिक आमदनी का आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इस कारण उनकी पुत्री को सरकारी शादी अनुदान का लाभ नहीं मिल सका। ग्रामीणों का कहना है कि एक अन्य व्यक्ति की तीन एकड़ जमीन होने पर भी उसका आय प्रमाण पत्र मात्र 46 हजार रुपये वार्षिक आय दिखाकर बनाया गया। पीड़ित ने कम आमदनी दिखाने के लिए अधिकारियों के पास कई चक्कर लगाए, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला।
सोमवार को पीड़ित ने कटोरा लेकर एसडीएम नागेंद्र पांडे के पास पहुंचकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक जाने की बात कही। शाम को एसडीएम ने लेखपाल को निलंबित कर दिया और बताया कि संपत्ति से अधिक आय दिखाने वाला आय प्रमाण पत्र जारी करना गलत है, जिससे पीड़ित को बेटी की शादी के लिए अनुदान नहीं मिल सका। इस प्रकरण की जांच के लिए तहसीलदार बीसलपुर को नामित किया गया है।